लोक कलाएं(GURUGGKWALA)

लोक कलाएं 1. फड़ चित्रांकन रेजी अथवा खादी के कपडे़ पर लोक देवता के जीवन को चित्रों के माध्यम से प्रस्तुत करना फड़ चित्रांकन कहलाता है। फड़ चित्रांकन में मुख्य पात्र को लाल रंग में तथा खलनायक को हरे रंग में दर्शाया जाता है। फड का वाचन करने वाले भोपा तथा भोपी कहलाते है। राज्य … Read more

राजस्थान की जनजातियां(GURUGGKWALA)

1. मीणा निवास स्थान- जयपुर के आस-पास का क्षेत्र/पूर्वी क्षेत्र “मीणा” का शाब्दिक अर्थ मछली है। “मीणा” मीन धातु से बना है। मीणा जनजाति के गुरू आचार्य मुनि मगन सागर है। मीणा पुराण- आचार्य मुनि मगन सागर द्वारा रचित मीणा जनजाति का प्रमुख ग्रन्थ है। जनजातियों में सर्वाधिक जनसंख्या वाली जनजाति है। बाहुल्य क्षेत्र – … Read more

आभूषण और वेशभूषा

आभूषण आभूषण सौन्दर्य को बढ़ाने का काम करते हैं। हर मनुष्य सुंदर दिखना चाहता है, और राजस्थान के निवासी भी इस मामले में पीछे नहीं है। कालीबंगा तथा आहड़ सभ्यता के युग की स्रियाँ मृणमय तथा चमकीले पत्थरों की मणियों के आभूषण पहनती थीं। कुछ शुंगकालीन मिट्टी के खिलौनों तथा फलकों से पता चलता है … Read more

राजस्थान के दुर्ग(GURUGGKWALA)

राजस्थान के राजपूतों के नगरों और प्रासदों का निर्माण पहाडि़यों में हुआ, क्योकि वहां शुत्रओं के विरूद्ध प्राकृतिक सुरक्षा के साधन थे। शुक्रनीति में दुर्गो की नौ श्रेणियों का वर्णन किया गया। एरण दूर्ग खाई, कांटों तथा कठौर पत्थरों से युक्त जहां पहुंचना कठिन हो जैसे – रणथम्भौर दुर्ग। पारिख दूर्ग जिसके चारों ओर खाई … Read more

राजस्थान में सम्प्रदाय(GURUGGKWALA)

1. जसनाथी सम्प्रदाय संस्थापक – जसनाथ जी जाट जसनाथ जी का जन्म 1482 ई. में कतरियासर (बीकानेर) में हुआ। प्रधान पीठ – कतरियासर (बीकानेर) में है। यह सम्प्रदाय 36 नियमों का पालन करता है। पवित्र ग्रन्थ सिमूदड़ा और कोडाग्रन्थ है। इस सम्प्रदाय का प्रचार-प्रसार ” परमहंस मण्डली” द्वारा किया जाता है। इस सम्प्रदाय के लोग … Read more

रीति -रिवाज(GURUGGKWALA)

राजस्थान में जन्म सम्बंधित रीति -रिवाज विवाह सम्बन्धित रीति-रिवाज (संस्कार) विवाह के तीन दिन, पांच दिन, सात दिन, नौ दिन, पूर्व लग्न पत्रिका पहुंचाने के बाद वर पक्ष एवं वधू पक्ष ही अपने- अपने घरों में गणेश पूजन कर वर और वधू घी पिलाते है। इसे बाण बैठाना कहते है। घर की चार स्त्रियां (अचारियां) … Read more

राजस्थान में ऊर्जा विकास (GURUGGKWALA)

राजस्थान में ऊर्जा विकास बिजली संसाधनों का विकास किसी भी क्षेत्र के लिए आवश्यक है। राजस्थान के बिजली संसाधन आधुनिक कृषि, औद्योगिक और आर्थिक विकास में एक महत्वपूर्ण कारक हैं। पश्चिम राजस्थान में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस संसाधनों की खोज और सौर ऊर्जा क्षमता ने राजस्थान को एक शक्ति अधिशेष राज्य में परिवर्तित करने की … Read more

खनिज संसाधन(GURUGGKWALA)

राजस्थान खनिज की दृष्टि से एक सम्पन्न राज्य है। राजस्थान को “खनिजों का अजायबघर” कहा जाता है। राजस्थान में लगभग 67(44 प्रधान + 23 लघु) खनिजों का खनन होता है। देश के कुल खनिज उत्पादन में राजस्थान का योगदान 22 प्रतिशत है। खनिज भण्डारों की दृष्टि से झारखण्ड के बाद दुसरा स्थान है। खनिज उत्पादन … Read more

पशु सम्पदा(GURUGGKWALA)

देश में पशुधन गणना वर्ष 1919-20 से ही समय-समय पर की जाती रही है। पशुधन गणना में सभी पालतू जानवरों और उनकी संख्‍या को कवर किया जाता है। तथ्य प्रत्येक 5 वर्ष में पशु गणना की जाती है। स्वतंत्रता के पश्चात् पहली पशु गणना 1951 में की गई। 20वीं पशुधन गणना सभी राज्‍यों और केंद्र … Read more

राजस्थान में कृषि(AGRICULTURE IN RAJASTHAN) – GURUGGKWALA

राजस्थान में कृषि राजस्थान का कुल क्षेत्रफल 3 लाख 42 हजार 239 वर्ग कि.मी. है। जो की देश का 10.41 प्रतिशत है। राजस्थान में देश का 11 प्रतिशत क्षेत्र कृषि योग्य भूमि है और राज्य में 50 प्रतिशत सकल सिंचित क्षेत्र है जबकि 30 प्रतिशत शुद्ध सिंचित क्षेत्र है। राजस्थान का 60 प्रतिशत क्षेत्र मरूस्थल … Read more