भारत का सामान्य परिचय -GURUGGKWALA

भारत का सामान्य परिचय भारत का प्राचीन नाम उत्तर भारत में बसने वाले आर्यो के नाम पर अर्यवृत किया गया। इन आर्यो के शक्तिशाली राजा भरत के नाम पर यह भारत कहलाया। वैदक आर्यो का निवास स्थान सिंधु घाटी में था। जिसे ईरानियों ने हिन्दु नदी तथा इस देश को हिन्दुस्थान कहा। यूनानीयों ने सिन्धु … Read more

राजस्थान में नृत्य(GURUGGKWALA)

राजस्थान में नृत्य नृत्य भी मानवीय अभिव्यक्तियों का एक रसमय प्रदर्शन है। यह एक सार्वभौम कला है, जिसका जन्म मानव जीवन के साथ हुआ है। बालक जन्म लेते ही रोकर अपने हाथ पैर मार कर अपनी भावाभिव्यक्ति करता है कि वह भूखा है- इन्हीं आंगिक -क्रियाओं से नृत्य की उत्पत्ति हुई है। यह कला देवी-देवताओं, … Read more

लोक कलाएं(GURUGGKWALA)

लोक कलाएं 1. फड़ चित्रांकन रेजी अथवा खादी के कपडे़ पर लोक देवता के जीवन को चित्रों के माध्यम से प्रस्तुत करना फड़ चित्रांकन कहलाता है। फड़ चित्रांकन में मुख्य पात्र को लाल रंग में तथा खलनायक को हरे रंग में दर्शाया जाता है। फड का वाचन करने वाले भोपा तथा भोपी कहलाते है। राज्य … Read more

राजस्थान की जनजातियां(GURUGGKWALA)

1. मीणा निवास स्थान- जयपुर के आस-पास का क्षेत्र/पूर्वी क्षेत्र “मीणा” का शाब्दिक अर्थ मछली है। “मीणा” मीन धातु से बना है। मीणा जनजाति के गुरू आचार्य मुनि मगन सागर है। मीणा पुराण- आचार्य मुनि मगन सागर द्वारा रचित मीणा जनजाति का प्रमुख ग्रन्थ है। जनजातियों में सर्वाधिक जनसंख्या वाली जनजाति है। बाहुल्य क्षेत्र – … Read more

आभूषण और वेशभूषा

आभूषण आभूषण सौन्दर्य को बढ़ाने का काम करते हैं। हर मनुष्य सुंदर दिखना चाहता है, और राजस्थान के निवासी भी इस मामले में पीछे नहीं है। कालीबंगा तथा आहड़ सभ्यता के युग की स्रियाँ मृणमय तथा चमकीले पत्थरों की मणियों के आभूषण पहनती थीं। कुछ शुंगकालीन मिट्टी के खिलौनों तथा फलकों से पता चलता है … Read more

राजस्थान के दुर्ग(GURUGGKWALA)

राजस्थान के राजपूतों के नगरों और प्रासदों का निर्माण पहाडि़यों में हुआ, क्योकि वहां शुत्रओं के विरूद्ध प्राकृतिक सुरक्षा के साधन थे। शुक्रनीति में दुर्गो की नौ श्रेणियों का वर्णन किया गया। एरण दूर्ग खाई, कांटों तथा कठौर पत्थरों से युक्त जहां पहुंचना कठिन हो जैसे – रणथम्भौर दुर्ग। पारिख दूर्ग जिसके चारों ओर खाई … Read more

राजस्थान में सम्प्रदाय(GURUGGKWALA)

1. जसनाथी सम्प्रदाय संस्थापक – जसनाथ जी जाट जसनाथ जी का जन्म 1482 ई. में कतरियासर (बीकानेर) में हुआ। प्रधान पीठ – कतरियासर (बीकानेर) में है। यह सम्प्रदाय 36 नियमों का पालन करता है। पवित्र ग्रन्थ सिमूदड़ा और कोडाग्रन्थ है। इस सम्प्रदाय का प्रचार-प्रसार ” परमहंस मण्डली” द्वारा किया जाता है। इस सम्प्रदाय के लोग … Read more

रीति -रिवाज(GURUGGKWALA)

राजस्थान में जन्म सम्बंधित रीति -रिवाज विवाह सम्बन्धित रीति-रिवाज (संस्कार) विवाह के तीन दिन, पांच दिन, सात दिन, नौ दिन, पूर्व लग्न पत्रिका पहुंचाने के बाद वर पक्ष एवं वधू पक्ष ही अपने- अपने घरों में गणेश पूजन कर वर और वधू घी पिलाते है। इसे बाण बैठाना कहते है। घर की चार स्त्रियां (अचारियां) … Read more

राजस्थान में ऊर्जा विकास (GURUGGKWALA)

राजस्थान में ऊर्जा विकास बिजली संसाधनों का विकास किसी भी क्षेत्र के लिए आवश्यक है। राजस्थान के बिजली संसाधन आधुनिक कृषि, औद्योगिक और आर्थिक विकास में एक महत्वपूर्ण कारक हैं। पश्चिम राजस्थान में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस संसाधनों की खोज और सौर ऊर्जा क्षमता ने राजस्थान को एक शक्ति अधिशेष राज्य में परिवर्तित करने की … Read more

खनिज संसाधन(GURUGGKWALA)

राजस्थान खनिज की दृष्टि से एक सम्पन्न राज्य है। राजस्थान को “खनिजों का अजायबघर” कहा जाता है। राजस्थान में लगभग 67(44 प्रधान + 23 लघु) खनिजों का खनन होता है। देश के कुल खनिज उत्पादन में राजस्थान का योगदान 22 प्रतिशत है। खनिज भण्डारों की दृष्टि से झारखण्ड के बाद दुसरा स्थान है। खनिज उत्पादन … Read more