खनिज संसाधन(GURUGGKWALA)

राजस्थान खनिज की दृष्टि से एक सम्पन्न राज्य है। राजस्थान को “खनिजों का अजायबघर” कहा जाता है। राजस्थान में लगभग 67(44 प्रधान + 23 लघु) खनिजों का खनन होता है। देश के कुल खनिज उत्पादन में राजस्थान का योगदान 22 प्रतिशत है। खनिज भण्डारों की दृष्टि से झारखण्ड के बाद दुसरा स्थान है। खनिज उत्पादन … Read more

पशु सम्पदा(GURUGGKWALA)

देश में पशुधन गणना वर्ष 1919-20 से ही समय-समय पर की जाती रही है। पशुधन गणना में सभी पालतू जानवरों और उनकी संख्‍या को कवर किया जाता है। तथ्य प्रत्येक 5 वर्ष में पशु गणना की जाती है। स्वतंत्रता के पश्चात् पहली पशु गणना 1951 में की गई। 20वीं पशुधन गणना सभी राज्‍यों और केंद्र … Read more

राजस्थान में कृषि(AGRICULTURE IN RAJASTHAN) – GURUGGKWALA

राजस्थान में कृषि राजस्थान का कुल क्षेत्रफल 3 लाख 42 हजार 239 वर्ग कि.मी. है। जो की देश का 10.41 प्रतिशत है। राजस्थान में देश का 11 प्रतिशत क्षेत्र कृषि योग्य भूमि है और राज्य में 50 प्रतिशत सकल सिंचित क्षेत्र है जबकि 30 प्रतिशत शुद्ध सिंचित क्षेत्र है। राजस्थान का 60 प्रतिशत क्षेत्र मरूस्थल … Read more

राजस्थान में पाये जाने वाले खनिज संसाधन (Guruggkwala)

खनिज संसाधन खनिज भण्डारों की दृष्टि से झारखण्ड के बाद दुसरा स्थान है। खनिज उत्पादन की दुष्टि से झारखण्ड, मध्यप्रदेश के बाद राजस्थान का तिसरा स्थान है। खनिज उत्पादन मूल्य की दृष्टि से झारखण्ड, मध्यप्रदेश, गुजरात, असम के बाद राजस्थान का पांचवां स्थान है। राजस्थान में सर्वाधिक उपलब्ध खनिज राॅक फास्फेट है। राजस्थान जास्पर,बुलस्टोनाइट व … Read more

मेवाड़ का गुहिल वंश (MEWAD KA GUHIL VANSH)

मेवाड़ का गुहिल वंश(MEWAD KA GUHIL VANSH) उदयपुर, राजसमंद, चित्तौड़गढ़ एवं प्रतापगढ़ तथा इनके आस-पास का क्षेत्र मेवाड़ कहलाता था। प्राचीन काल में इसका नाम शिवि, प्राग्वाट, मेद्पाट आदि था। इस क्षेत्र पर पहले मेर अथवा मेद् जाति का अधिकार होने के कारण इसका नाम मेद्पाट पड़ा। रावल समरसिंह की चित्तौड़ प्रशस्ति से गुहिल वंश … Read more

राजपूत युग (RAJPUT YUG)

राजस्थान में राजपूत वंशों का उदय / राजपूत युग हर्षवर्धन की मृत्यु (648 ई.) से लेकर मुह्हमद गौरी भारत में दिल्ली सल्तनत की स्थापना करने (1206 ई.) तक का काल भारतीय इतिहास में राजपूत काल के नाम से प्रसिद्ध है। इस काल में राजस्थान अनेक राजपूत वंशों ने अपनी सत्तायें स्थापित की जिनमें गुर्जर-प्रतिहार, चौहान, … Read more

Curent Affairs(नवीनतम समसामयिक )

2 .निर्वाचन आयोग ने किसको “राष्ट्रीय दिव्यांग आइकोन” घोषित किया है -शीतल देवी 3. ‘WTT फीडर बेरुत-||’ (2024) टेबिल टेनिस टूर्नामेंट में महिला एकल ख़िताब किसने जीता -श्रीजा अकुला (भारत ) 4. नागरिक उड्डयन अनुसन्धान संगठन केंद्र का उद्घाटन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कहाँ किया गया -हैदराबाद 5.वर्ष 2024 में कोनसी लोकसभा के लिए … Read more

राजस्थान का इतिहास जानने के स्त्रोत -(SOURCE OF KNOW RAJASTHAN HISTORY)

राजस्थान का इतिहास जानने के स्त्रोत इतिहास का शाब्दिक अर्थ- ऐसा निश्चित रूप से हुआ है। इतिहास के जनक यूनान के हेरोडोटस को माना जाता हैं लगभग 2500 वर्ष पूर्व उन्होने “हिस्टोरिका” नामक ग्रन्थ की रचना की। भारतीय इतिहास के जनक महाभारत के लेखक वेद व्यास माने जाते है। कर्नल जेम्स टॉड को राजस्थान के … Read more

राजस्थान की नदियां(आंतरिक प्रवाह तंत्र की नदियां)

gurugkgwala: Rivers of Rajasthan, Rajathan ki nadiyon ka nakasha, map of Rivers of Rajasthan

Internal flow lakes of Rajasthan राजस्थान की नदियां(आंतरिक प्रवाह तंत्र की नदियां) वे नदियों जिनका जल समुद्र तक नहीं पहुँच पाता है, अपने प्रवाह क्षेत्र मे ही विलुप्त हो जाती है, उन्हें आन्तरिक प्रवाह की नदियां कहते है घग्घर नदी ( दृषद्धती, मृत नदी, नट नदी) राजस्थान की आन्तरिक प्रवाह की सर्वाधिक लम्बी नदी घग्घर … Read more

PHYSICAL PART OF RAJASTHAN(राजस्थान के भौतिक भाग )

राजस्थान के भौतिक विभाग जर्मन वैज्ञानिक अल्फ्रेड वेगनर (1912) के सिद्धांत के अनुसार पृथ्वी अपने निर्माण के प्रारंभिक काल में एक विशाल भू-खण्ड पैंजिया तथा एक विशाल महासागर पैंथालासा के रूप में विभक्त था कालांतर में पैंजिया के दो टुकडे़ हुए उत्तरी भाग अंगारालैण्ड तथा दक्षिणी भाग गोडवानालैण्ड के नाम जाना जाने लगा। तथा इन … Read more