18 June 2025 Current Affairs -GurugGkwala

15–20 minutes


1. प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने जी-7 आउटरीच सम्मेलन में भाग लिया

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी कनाडा के कनानस्किस में चल रहे जी-7 आउटरीच सम्मेलन में भाग लिया। वे भविष्य में ऊर्जा सुरक्षा, प्रौद्योगिकी तथा आधारभूत ढांचा और निवेश के विषयों पर चर्चाओं में शामिल हो रहे हैं। इसका उद्देश्य विश्व में हो रहे परिवर्तनों के दौरान इन तक कम खर्च में सबकी आसान पहुंच सुनिश्चित करना है। जी-7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री की यह लगातार छठी बार भागीदारी है। श्री मोदी जी-7 देशों के नेताओं, अन्य आमंत्रित आउटरीच देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों के साथ महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।

2. संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा ने एकतरफा प्रतिबंधात्‍मक उपायों के विरोध में हर वर्ष चार दिसम्‍बर को अंतर्राष्‍ट्रीय दिवस मनाने का फैसला किया

संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा ने प्रस्‍ताव पारित करके एकतरफा प्रतिबंधात्‍मक उपायों के विरोध में हर वर्ष चार दिसम्‍बर को अंतर्राष्‍ट्रीय दिवस मनाने का फैसला किया है। इस प्रस्‍ताव के समर्थन में 116 और विरोध में 51 वोट पड़े जबकि छह देशों ने मतदान में हिस्‍सा नहीं लिया। उत्‍तरी देशों, यूरोपीय संघ, ऑस्‍ट्रेलिया, ब्रिटेन, कनाडा, जापान और अमरीका ने प्रस्‍ताव के विरोध में वोट किया। प्रस्‍ताव में सभी देशों से आग्रह किया गया है कि वे ऐसे एकतरफा आर्थिक, वित्‍तीय व्‍यापार संबंधी उपाय न करें जिनसे अंतर्राष्‍ट्रीय कानून या संयुक्‍त चार्टर का उल्‍लंघन हो, क्‍योंकि इससे खासकर विकासशील देशों का आर्थिक सामाजिक विकास बाधित होगा।

3. पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने शुष्क वन अनुसंधान संस्थान, जोधपुर में “मरुस्थलीकरण और सूखे से निपटने की रणनीति” विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया

भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने विश्व मरुस्थलीकरण एवं सूखा रोकथाम दिवस 2025 के अवसर पर भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद – शुष्क वन अनुसंधान संस्थान (आईसीएफआरई-एएफआरआई), जोधपुर में एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का विषय था “मरुस्थलीकरण एवं सूखा रोकथाम की रणनीतियां“, जिसमें शुष्क एवं अर्ध-शुष्क पारिस्थितिकी तंत्रों में सतत भूमि प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित किया गया। केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे, जबकि केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत और सांसद (राज्यसभा) श्री राजेंद्र गहलोत भी उपस्थित थे।

4. केंद्रीय मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने नई दिल्ली में इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस की पहली बैठक की अध्यक्षता की

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा परिकल्पित इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस (आईबीसीए) की पहली बैठक नई दिल्ली में आयोजित की गई। इसका उद्देश्य रेंज देशों में बिग कैट के संरक्षण को बढ़ावा देना है। केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने बैठक की अध्यक्षता की। यह बैठक आईबीसीए की सर्वोच्च संस्था है, जिसमें 9 देशों के मंत्रिस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने भाग लिया। इन देशों में भूटान, कंबोडिया, इस्वातिनी, गिनी गणराज्य, भारत गणराज्य, लाइबेरिया गणराज्य, सूरीनाम गणराज्य, सोमालिया संघीय गणराज्य और कजाकिस्तान गणराज्य शामिल हैं। आईबीसीए की स्थापना भारत सरकार द्वारा नोडल संगठन अर्थात राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के माध्यम से दिनांक 12.3.2024 के आदेश के तहत की गई थी। आईबीसीए का प्राथमिक उद्देश्य वैश्विक स्तर पर बिग कैट के संरक्षण के साझा लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सफल संरक्षण प्रणालियों और विशेषज्ञता को समेकित करते हुए रेंज देशों और अन्य हितधारकों के बीच सहयोग और तालमेल को सुविधाजनक बनाना है। वित्तीय सहायता से समर्थित इस एकीकृत दृष्टिकोण का उद्देश्य जैव विविधता संरक्षण के एजेंडे को बढ़ावा देना, बिग कैट की आबादी में गिरावट को रोकना और हमारी इको-सिस्टम को संरक्षित करना है।

5. भारत रिंडरपेस्ट वायरस ‘कैटल प्लेग’ की रोकथाम हेतु एलीट ग्लोबल ग्रुप में शामिल हुआ

भारत ने वैश्विक पशु स्वास्थ्य और जैव सुरक्षा के क्षेत्र में उस समय एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की, जब भोपाल स्थित आईसीएआर-राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान (एनआईएचएसएडी) को विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूओएएच) और संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) द्वारा श्रेणी ए रिंडरपेस्ट होल्डिंग फैसिलिटी (आरएचएफ) के रूप में मान्यता दी गई। यह घोषणा 29 मई, 2025 को पेरिस में आयोजित डब्ल्यूओएएच के 92वें सत्र के दौरान की गई, जहां मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के तहत पशुपालन और डेयरी विभाग (डीएएचडी) की सचिव और भारत की डब्ल्यूओएएच प्रतिनिधि सुश्री अलका उपाध्याय को डब्ल्यूओएएच के महानिदेशक और अध्यक्ष द्वारा औपचारिक रूप से प्रमाणपत्र प्रदान किया गया। रिंडरपेस्ट, जिसे कभी “मवेशी प्लेग” के नाम से जाना जाता था, वर्ष 2011 में इसके वैश्विक उन्मूलन से पहले इतिहास में सबसे विनाशकारी पशुधन रोगों में से एक था। हालांकि रिंडरपेस्ट वायरस-युक्त सामग्री (आरवीसीएम) अभी भी कुछ प्रयोगशालाओं में है, जो जोखिम पैदा करता है। बीमारी से वैश्विक मुक्ति को बनाए रखने के लिए एफएओ और डब्ल्यूओएएच ने आरवीसीएम के भंडारण को दुनिया भर में कुछ उच्च सुरक्षा प्रयोगशालाओं तक सीमित करने के लिए सख्त उपाय लागू किए हैं। इस वैश्विक पहल के अनुरूप, भारत ने 2012 में आईसीएआर-एनआईएचएडी, एक उच्च-नियंत्रण बीएसएसल-3 सुविधा और एवियन इन्फ्लूएंजा के लिए डब्ल्यूओएएच संदर्भ प्रयोगशाला को आरवीसीएम के लिए अपने राष्ट्रीय भंडार के रूप में नामित किया था। भारत ने औपचारिक रूप से 2019 में आरएचएफ के लिए अपना आवेदन प्रस्तुत किया।

6. आलियावती लोंगकुमेर को उत्तर कोरिया में भारत का राजदूत नियुक्त किया गया

चार साल के अंतराल के बाद, भारत ने उत्तर कोरिया या डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (डीपीआरके) में अपना राजदूत नियुक्त किया है। विदेश मंत्रालय ने भारतीय विदेश सेवा के 2008 बैच के आलियावती लोंगकुमेर को उत्तर कोरिया में भारतीय राजदूत नियुक्त किया है। आलियावती लोंगकुमेर वर्तमान में पैराग्वे के असुनसियन में भारतीय दूतावास में प्रभारी हैं। अतुल मल्हारी गोत्सुर्वे, उत्तर कोरिया में भारत के पिछले राजदूत थे।

7. डीआरडीओ और आईआईटी दिल्ली ने 1 किमी से अधिक दूरी पर क्वांटम एनटैंगलमेंट-आधारित फ्री-स्पेस क्वांटम सुरक्षित संचार का प्रदर्शन किया

भारत ने डीआरडीओ-इंडस्ट्री-अकादमिक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (डीआईए-सीओई), आईआईटी दिल्ली के जरिए एक प्रयोगात्मक उन्नति का सफलतापूर्वक प्रदर्शन करके एक नए क्वांटम युग में प्रवेश किया है। आईआईटी दिल्ली परिसर में स्थापित एक फ्री-स्पेस ऑप्टिकल लिंक के जरिए एक किलोमीटर से अधिक की दूरी पर क्वांटम एंटैंगलमेंट का उपयोग करके फ्री-स्पेस क्वांटम सुरक्षित संचार प्राप्त किया गया। इस प्रयोग ने 7 प्रतिशत से कम की क्वांटम बिट त्रुटि दर के साथ लगभग 240 बिट प्रति सेकंड की सुरक्षित की (केईवाई) दर प्राप्त की। यह एंटैंगलमेंट-सहायता प्राप्त क्वांटम सुरक्षित संचार क्वांटम साइबर सुरक्षा में वास्तविक समय के अनुप्रयोगों के लिए मार्ग प्रशस्त करता है, जिसमें लंबी दूरी की क्वांटम की वितरण (क्यूकेडी), क्वांटम नेटवर्क का विकास और भविष्य का क्वांटम इंटरनेट शामिल है। ये प्रयास राष्ट्रीय विकास के लिए क्वांटम प्रौद्योगिकियों को आगे बढ़ाने के भारत के व्यापक उद्देश्यों के अनुरूप हैं। डीआरडीओ के फ्यूचरिस्टिक टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट निदेशालय (डीएफटीएम) द्वारा स्वीकृत परियोजना ‘फ्री स्पेस क्यूकेडी के लिए फोटोनिक प्रौद्योगिकियों के डिजाइन और विकास’ के तहत प्रोफेसर भास्कर कंसेरी के अनुसंधान समूह द्वारा डीआरडीओ महानिदेशक (एमईडी, सीओएस और सीएस), निदेशक एसएजी, निदेशक डीएफटीएम, डीन (आर एंड डी) आईआईटी दिल्ली, निदेशक (डीआईए-सीओई) और डीआरडीओ प्रयोगशाला के वैज्ञानिकों सहित कई गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में प्रदर्शन दिया गया। क्वांटम एंटैंगलमेंट-आधारित क्यूकेडी सुरक्षा और कार्यक्षमता दोनों को बढ़ाकर पारंपरिक तैयारी-और-माप विधि पर कई महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करता है। भले ही उपकरण से समझौता किया गया हो या अपूर्ण हों, क्वांटम एंटैंगलमेंट का उपयोग की (केईवाई) वितरण की सुरक्षा सुनिश्चित करता है। एंटैंगल्ड फोटॉनों को मापने या रोकने का कोई भी प्रयास क्वांटम स्थिति को बाधित करता है, जिससे अधिकृत उपयोगकर्ता किसी गुप्तचर की उपस्थिति का पता लगा सकता है। क्वांटम संचार मौलिक रूप से अटूट एन्क्रिप्शन प्रदान करता है, जिससे यह रक्षा, वित्त और दूरसंचार जैसे रणनीतिक क्षेत्रों में डेटा को सुरक्षित रखने के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा-संबंधी संचारों की सुरक्षा में अनुपयोगों के साथ एक दोहरे उपयोग वाली प्रौद्योगिकी बन जाती है। फ्री-स्पेस क्यूकेडी ऑप्टिकल फाइबर बिछाने की आवश्यकता को समाप्त करता है, जो विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण इलाकों और घने शहरी वातावरण में डिसरप्टिव और महंगा दोनों हो सकता है। इससे पहले, 2022 में विंध्याचल और प्रयागराज के बीच भारत का पहला इंटरसिटी क्वांटम संचार लिंक, वाणिज्यिक-ग्रेड भूमिगत डार्क ऑप्टिकल फाइबर का उपयोग करते हुए, डीआरडीओ के वैज्ञानिकों द्वारा प्रोफेसर भास्कर की टीम के साथ प्रदर्शित किया गया था। हाल ही में, 2024 में, टीम ने एक अन्य डीआरडीओ समर्थित परियोजना में टेलीकॉम-ग्रेड ऑप्टिकल फाइबर के 100 किमी स्पूल पर एंटैंगलमेंट का उपयोग करके सफलतापूर्वक क्वांटम कीज़ (केईवाईएस) वितरित की।

7. भारतीय नौसेना में शामिल होगा एंटी-सबमरीन युद्धपोत ‘अर्नाला’

भारतीय नौसेना का पहला एंटी-सबमरीन वॉरफेयर शैलो वॉटर क्राफ्ट (ASW SWC) युद्धपोत ‘अर्नाला’ बुधवार को आधिकारिक रूप से नौसेना में शामिल किया जाएगा। यह कमीशनिंग समारोह चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान की अध्यक्षता में होगा। ‘अर्नाला’ उस 16 युद्धपोतों की श्रृंखला का पहला पोत है जो पूरी तरह स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित किए गए हैं। यह युद्धपोत भारतीय नौसेना की तटीय रक्षा और पनडुब्बी रोधी क्षमताओं को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। गौरतलब है कि ‘अर्नाला’ को 8 मई 2025 को नौसेना को सौंपा गया था और अब इसे आधिकारिक रूप से नौसेना का हिस्सा बनाया जा रहा है। यह परियोजना ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के तहत शुरू की गई थी और इसका उद्देश्य समुद्री सुरक्षा में भारत को आत्मनिर्भर बनाना है। इन पोतों का निर्माण गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) और कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा किया गया है। ये पोत पुरानी हो रही अभय-क्लास कॉर्वेट्स की जगह लेंगे। 80 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री से निर्मित ये पोत भारत की घरेलू रक्षा तकनीक और निर्माण क्षमताओं की मजबूती को दर्शाते हैं।

8. दिल्ली मेट्रो और ऑस्ट्रेलिया के मोनाश विश्वविद्यालय के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर

दिल्ली मेट्रो और ऑस्ट्रेलिया के मोनाश विश्वविद्यालय के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिसका उद्देश्य रोलिंग स्टॉक और ट्रैक मेंटेनेंस के उन्नत स्वचालन सहित मेट्रो रेल से जुड़े विभिन्न अनुसंधान कार्यों में संयुक्त सहयोग करना है। यह समझौता ज्ञापन मेट्रो भवन में दिल्ली मेट्रो और मोनाश विश्वविद्यालय के अधिकृत हस्ताक्षरकर्ताओं द्वारा दोनों संस्थानों के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में संपन्न हुआ। इस समझौता ज्ञापन के अंतर्गत दिल्ली मेट्रो अकादमी और मोनाश विश्वविद्यालय के बीच समय-समय पर एक्सचेंज प्रोग्राम भी आयोजित किए जाएंगे। ऐसे सभी कार्यक्रमों में दिल्‍ली मेट्रो अकादमी ज्ञान और प्रशिक्षण सहयोगी की भूमिका निभाएगी। इस समझौता ज्ञापन से प्रौद्योगिकी और विशेषज्ञता के आदान-प्रदान से मेट्रो सेवाओं की सुरक्षा, विश्वसनीयता तथा यात्री अनुभव को अधिक बेहतर करने की अपेक्षा है। मोनाश विश्वविद्यालय ऑस्ट्रेलिया का विश्वविद्यालय है, जो अनुसंधान उत्कृष्टता और नवाचार के लिए विश्व प्रसिद्ध है। विश्वविद्यालय के इंस्टिट्यूट ऑफ रेलवे टेक्नोलॉजी को रेलवे तकनीक और अभियांत्रिकी में वैश्विक स्तर पर विशेष स्थान प्राप्त है।

9. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को सप्‍ताहिक डेरिवेटिव्‍स समाप्ति तिथियों में संशोधन के लिए सेबी की मंजूरी मिली

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज -एनएसई और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज -बीएसई को सप्‍ताहिक डेरिवेटिव्‍स समाप्ति तिथियों में संशोधन के लिए सेबी की मंजूरी मिल गई है। एनएसई को इक्विटी डेरिवेटिव्स के लिए समाप्ति तिथि को गुरुवार से मंगलवार में बदलने के लिए और बीएसई को मंगलवार से गुरुवार को अपनी समाप्ति तिथि बदलने की अनुमति दी गई है। एनएसई और बीएसई ने कहा कि वर्तमान अनुबंधों के लिए समाप्ति तिथि अपरिवर्तित रहेगी, सिवाय लंबी अवधि के इंडेक्स ऑप्शन अनुबंधों के, जिन्हें संशोधित समाप्ति अनुसूची के साथ उपयुक्त रूप से पुनर्गठित किया जाएगा। 31 अगस्त 2025 को या उससे पहले समाप्त होने वाले डेरिवेटिव अनुबंध अपने वर्तमान समाप्ति दिनों को बनाए रखेंगे। पहली सितंबर 2025 के बाद समाप्त होने वाले अनुबंध नए शेड्यूल का पालन करेंगे।

10. केंद्रीय रेल मंत्री ने मानेसर स्थित मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड में देश के सबसे बड़े ऑटोमोबाइल गति शक्ति मल्टी-मॉडल कार्गो टर्मिनल का उद्घाटन किया

केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने हरियाणा के मानेसर स्थित मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड में देश के सबसे बड़े ऑटोमोबाइल गति शक्ति मल्टी-मॉडल कार्गो टर्मिनल का उद्घाटन किया। मारुति सुज़ुकी के मानेसर संयंत्र में गति शक्ति कार्गो टर्मिनल एक प्रमुख अवसंरचना विकास है जो ऑटोमोबाइल परिवहन की रसद दक्षता को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाता है। मानेसर स्थित यह संयंत्र 10 किलोमीटर के समर्पित रेल लिंक के माध्यम से पटली रेलवे स्टेशन से जुड़ा हुआ है, जो हरियाणा रेल अवसंरचना विकास निगम (एचआरआईडीसी) द्वारा विकसित किए जा रहे 121.7 किलोमीटर लंबे हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर का हिस्सा है। इस 10 किलोमीटर के लिंक के निर्माण में 800 करोड़ रुपये का निवेश शामिल था, जिसमें एचआरआईडीसी ने 684 करोड़ रुपये का योगदान दिया और शेष राशि मारुति सुज़ुकी द्वारा वित्तपोषित की गई। इस गति शक्ति कार्गो टर्मिनल की लोडिंग क्षमता देश में सबसे अधिक है, यानी प्रति वर्ष 4.5 लाख ऑटोमोबाइल

11. असम के माकुम कोयला क्षेत्र में सत्‍यापित जीवाश्म पत्तियों की खोज से 24 मिलियन वर्ष पुराना रहस्य उजागर

पूर्वोत्तर भारत में कोयले की घनी परतों में, वैज्ञानिकों ने एक पत्ती का रहस्य खोजा है जो दक्षिण एशिया की जैव विविधता का एक अलग स्‍वरूप बताती है। यह शोध जीवाश्म पत्तियों की खोज से प्रेरित था, जो कुछ वैज्ञानिकों को असम के माकुम कोलफील्ड में परिचित लगी – एक ऐसा क्षेत्र जो लंबे समय से अपने जीवाश्म संपदा के लिए जाना जाता है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के स्वायत्त संस्थान, बीरबल साहनी पुराविज्ञान संस्थान (बीएसआईपी), लखनऊ के शोधकर्ताओं की एक टीम ने जीवाश्म पत्तियों को एकत्र किया, उनके रूपात्मक लक्षणों का विश्लेषण किया, तथा सूखी पत्तियों की तुलना और गुच्‍छों के विश्लेषण के माध्यम से उनकी पहचान की। उन्होंने पाया कि यह नॉथोपेगिया (फूल देने वाले पौधे) प्रजाति की आधुनिक वनस्पति से मिलता-जुलता है, जो हजारों किलोमीटर दूर, पश्चिमी घाट के वर्षा वन वाले जंगलों में उगता है – जो कि यूनेस्को का विश्व धरोहर स्थल है और दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण जैव विविधता वाले स्थलों में से एक है। ये जीवाश्‍म पत्तियाँ, जो लगभग 24-23 मिलियन वर्ष पुरानी हैं, ओलिगोसीन युग के अंत में, नोथोपेगिया नामक पौधे की प्रजाति का दुनिया का सबसे पुराना ज्ञात जीवाश्म रिकॉर्ड था। अजीब बात यह है कि यह प्रजाति अब पूर्वोत्तर भारत में नहीं पाई जाती है। वैज्ञानिकों ने रिव्यू ऑफ पैलियोबॉटनी एंड पैलिनोलॉजी पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में उपमहाद्वीप के पूर्वोत्‍तर से लेकर पश्चिमी घाट तक इस प्रजाति की यात्रा का पता लगाया।

12. आईसीसी ने 13वें महिला वनडे विश्व कप 2025 प्रतियोगिता का कार्यक्रम जारी किया

अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने 30 सितंबर से 2 नवंबर 2025 तक भारत और श्रीलंका द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किए जाने वाले 13वें आईसीसी महिला वनडे विश्व कप 2025 के कार्यक्रम की घोषणा की है। भारत 30 सितंबर, 2025 को बेंगलुरु में विश्व कप के उद्घाटन मैच में श्रीलंका से खेलेगा। मौजूदा चैंपियन ऑस्ट्रेलिया 1 अक्टूबर 2025 को इंदौर में अपने पड़ोसी और 2024 आईसीसी महिला टी20 चैंपियन न्यूजीलैंड से भिड़ेगा। मैच भारत में पाँच स्थानोंपर खेले जाएँगे: बेंगलुरु, विजाग, इंदौर और गुवाहाटी, भारत में और श्रीलंका में सभी मैच कोलंबो में खेले जाएंगे ।
फ़ाइनल अगर पाकिस्तान फ़ाइनल के लिए क्वालिफ़ाइ करता है, तो यह कोलंबो में आयोजित किया जाएगा; अन्यथा, यह 2 नवंबर 2025 को बेंगलुरु में आयोजित किया जाएगा।
विश्व कप राउंड-रॉबिन प्रारूप में खेला जाएगा, और प्रत्येक टीम लीग चरण में एक-दूसरे के खिलाफ खेलेगी। लीग चरण में शीर्ष चार टीमें सेमीफाइनल चरण के लिए क्वालिफ़ाइ करेगी। इसमें भाग लेने वाली आठ टीमें भारत, श्रीलंका, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड,दक्षिण अफ़्रीका, पाकिस्तान और बांग्लादेश हैं।

13. पुरुष और महिला हॉकी इंडिया मास्टर्स कप चेन्नई में होगा शुरू

पुरुष और महिला हॉकी इंडिया मास्टर्स कप चेन्नई में शुरू होगा। इस 10 दिवसीय टूर्नामेंट का आयोजन तमिलनाडु हॉकी यूनिट कर रहा है जिसमें 40 से अधिक आयु वर्ग के पुरुष और 35 से अधिक आयु वर्ग की महिलाएं भाग लेंगे। इस टूर्नामेंट में पुरुषों की बारह और महिलाओं की आठ टीमें हिस्सा ले रही हैं। पहले ग्रुप मैच होंगे, उसके बाद नॉकआउट चरण और फिर फाइनल मुकाबला होगा। महिलाओं के शुरुआती मैचों में, चेन्नई के मेयर राधाकृष्णन हॉकी स्टेडियम में हिमाचल प्रदेश का मुकाबला महाराष्ट्र से और कर्नाटक का मुकाबला केरल से होगा। पुरुषों के शुरुआती मैच में, पंजाब का सामना उसी स्टेडियम में पुद्दुचेरी से होगा। ऐसा टूर्नामेंट पहली बार हो रहा है जो देश के वरिष्ठ हॉकी खिलाड़ियों को विशेष मौका दे रहा है।

14. विश्व मरुस्थलीकरण एवं सूखा रोकथाम दिवस

हर वर्ष 17 जून को मनाया जाने वाला मरुस्थलीकरण और सूखा रोकथाम के लिए विश्व दिवस हमारे समय की सबसे गंभीर पर्यावरणीय चुनौतियों में से एक—भूमि क्षरण (land degradation)—के खिलाफ वैश्विक कार्रवाई का आह्वान है। यह दिवस 1994 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा उस समय स्थापित किया गया था, जब संयुक्त राष्ट्र मरुस्थलीकरण रोकथाम संधि (UNCCD) को अपनाया गया। इसका मुख्य उद्देश्य है स्थायी भूमि प्रबंधन को बढ़ावा देना और मरुस्थलीकरण व सूखे के बढ़ते प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाना। इस वर्ष का विषय है – “भूमि क्षरण रोकें, अवसरों को लाभ उठाएं”। इससे इस बात को बल मिलता है कि भूमि क्षरण रोकने से कैसे रोजगार सृजित हो सकते हैं, खाद्य और जल सुरक्षा को बढ़ावा मिल सकता है, जलवायु परिवर्तन की गतिविधियों का समर्थन किया जा सकता है और आर्थिक मजबूती लाई जा सकती है।

15. वियतनाम बना ब्रिक्स में शामिल होने वाला दसंवा देश

ब्रिक्स देशों के समूह में शामिल होने वाला दसंवा देश वियतनाम बन गया है | इस तरह ब्रिक्स देशों का समूह में कुल 10 देश अधिकारिक रूप से शामिल हो गये है दस देशों में मलेशिया, क्यूबा,थाईलैंड, बेलारूस ,नाइजीरिया ,क्जाकीस्थान ,युगांडा ,बोलीविया ,उज्बेकिस्तान और वियतनाम शामिल है |

JOIN TELEGRAM : https://t.me/guruggkwala

Leave a Comment