चौहान वंश -GURUGGKWALA

25–30 minutes चौहान वंश सांभर का चौहान वंश चौहानों की उत्पति के संबंध में विभिन्न मत हैं। पृथ्वीराज रासौ(चंद्र बरदाई) में इन्हें ‘अग्निकुण्ड’ से उत्पन्न बताया गया है, जो ऋषि वशिष्ठ द्वारा आबू पर्वत पर किये गये यज्ञ से उत्पन्न हुए चार राजपूत – प्रतिहार, परमार,चालुक्य एवं चौहानों(हार मार चाचो – क्रम) में से एक … Read more

कछवाहा वंश -GURUGGKWALA

34–40 minutes आमेर का कछवाहा वंश आमेर के कछवाहा वंश को भगवान राम के पुत्र कुश का वंशज माना जाता है। अयोध्या पर शासन करने के पश्चात् कुश के वंशज मुकुटपुर में रहे, तत्पश्चात् सोन नदी के समीपस्थ प्रदेश साकेत व रोहिताश पर अधिकार किया। उन्हीं के वंशज राजा नल ने 826 ई. के लगभग … Read more

19 September 2024 Current Affairs -GURUGGKWALA

18–25 minutes वन नेशन वन इलेक्शन प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी वन नेशन वन इलेक्शन प्रस्ताव को 18 सितंबर को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। रिपोर्ट के मुताबिक शीतकालीन सत्र में बिल पेश किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में वन नेशनल वन इलेक्शन का वादा किया था। वन नेशन वन इलेक्शन पर … Read more

पूर्व मध्यकाल में भारत के कुछ राजवंश -GURUGGKWALA

5–7 minutes पूर्व मध्यकाल में भारत के कुछ राजवंश छठी शताब्दी के अंतिम चरण में गुप्त साम्राज्य के पतन के साथ भारतीय राजनीति में अनेक नए राज्यों का उदय हुआ। गुप्तों के पतन के बाद उत्तर में कन्नौज राजनीतिक शक्ति का प्रमुख केन्द्र बन गया। गुप्त साम्राज्य के पतन के परिणाम भारत के विभिन्न भागों … Read more

मध्यकालीन भारतीय इतिहास के स्त्रोत -GURUGGKWALA

15–20 minutes मध्यकालीन भारतीय इतिहास के स्रोत मध्यकालीन शासक अपने यहाँ इतिहासकारों को आश्रय दिया करते थे, जिन्होंने शासकों व उनके विजय अभियानों का वर्णन किया है। सल्तनत काल की अपेक्षा मुगलकालीन साहित्य ज्यादा उपलब्ध हैं। ये स्रोत ज्यादातर अरबी व फारसी भाषा में लिखें गए हैं। मुगलकाल के ज्यादातर स्रोत फारसी भाषा में लिखे … Read more

दक्षिण भारत का इतिहास -GURUGGKWALA

8–12 minutes दक्षिण भारत का इतिहास दक्षिण भारत में लौह युग दक्षिण भारत में लोहे का सर्वप्रथम उपयोग लगभग 1100 ई.पू. से प्रारंभ हुआ। इसका प्राचीनतम साक्ष्य हल्लुर(उल्लुरू) से प्राप्त वस्तुएं मानी गयी हैं। दक्षिण भारत में लौह युग की अधिकांश जानकारी महापाषाण युगीन कब्रों की खुदायी से मिलती है। महापाषाण काल से तात्पर्य जब … Read more

गुप्तोत्तर काल -GURUGGKWALA

5–7 minutes गुप्तोत्तर काल भारत के राजनीतिक इतिहास में गुप्त वंश के पतन् के पश्चात् विकेन्द्रीकरण एवं क्षेत्रीयता का आविर्भाव हुआ। गुप्त वंश के पश्चात् अनेक छोटे-छोटे राज्य बने जैसे – थानेश्वर का पुष्य भूति वंश, कन्नौज का मौखिरी वंश आदि प्रमुख राज्य थे। पुष्यभूति/वर्धन वंश इस वंश की स्थापना पुष्यभूति ने थानेश्वर में की।(थानेश्वर, … Read more

गुप्त काल -GURUGGKWALA

11–14 minutes गुप्त काल गुप्त काल के बारे में जानने के साक्ष्य गुप्त काल के साक्ष्य साहित्यिक साक्ष्य अभिलेखीय साक्ष्य पुराण – विष्णु पुराण, वायु पुराण एवं ब्राह्मण पुराण समुद्रगुप्त की प्रयाग प्रशस्ति देवी चन्द्रगुप्तम(विशाखदत्त कृत) कुमारगुप्त का विलसड अभिलेख कालिदास की रचनाएं स्कन्दगुप्त का भितरी अभिलेख विदेशी यात्री: फाह्यान, ह्नेनसाग आदि। प्रभावती गुप्त का … Read more

मौर्योत्तर काल -GURUGGKWALA

15–20 minutes मौर्योत्तर काल (185 ई.पू. – 300 ई.) मौर्योत्तर कालीन इतिहास के बारे में जानने हेतु साक्ष्य साक्ष्य पुरातात्विक साक्ष्य मौर्योत्तर कालीन सिक्के साहित्यिक साक्ष्य रूद्रदामन का गिरनार या जूनागढ़ अभिलेख, अयोध्या अभिलेख, हाथीगुफा अभिलेख, नासिक प्रसस्ति, अमरावती अभिलेख, बेसनगर अभिलेख, कन्हेरी अभिलेख गार्गी संहिता, मालविकाग्निमित्रम, दिव्यावदान, निलिन्द पन्हो, महाभाष्य, पेरीप्लस आफ – इरिर्थियन … Read more

सूफी एवं भक्ति आन्दोलन(भक्ति आन्दोलन) -GURUGGKWALA

10–12 minutes भक्ति आन्दोलन उद्भव एवं विकास हिन्दु जीवन का मूल उद्देश्य मोक्ष प्राप्त करना है। जिसके 3 मार्ग(कर्म, ज्ञान एवं भक्ति) हैं। कर्म का उल्लेख गीता में मिलता है। ज्ञान का प्रतिपादन उपनिषदों एवं दर्शन में मिलता है। भक्ति का सर्वप्रथम उल्लेख श्वेताश्वर उपनिषद में मिलता है। अतः मोक्ष प्राप्ति के लिए जो आन्दोलन … Read more