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भारत की प्रमुख नदी घाटी परियोजनाएं
नदियों की घाटियो पर बडे-बडे बाँध बनाकर ऊर्जा, सिंचाई, पर्यटन स्थलों की सुविधाएं प्राप्त की जातीं हैं। इसीलिए इन्हें बहूद्देशीय नदी घाटी परियोजना कहते हैं। नदी घाटी योजना का प्राथमिक उद्देश्य होता है किसी नदीघाटी के अंतर्गत जल और थल का मानवहितार्थ पूर्ण उपयोग। भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने बहु-उद्देशीय नदी घाटी परियोजनाओं को ‘आधुनिक भारत का मंदिर’ कहा था।
सिन्धु -तंत्र से जुड़ी नदी घाटी परियोजनाएं
भाखड़ा नांगल परियोजना
यह भारत का सबसे ऊंचा गुरूत्वीय बांध है जिसकी ऊंचाई नदी तल से 226 मी. तथा समुद्र तल से 518 मी. है। भाखड़ा नांगल परियोजना पंजाब में सतलज नदी पर है तथा इससे लाभान्वित होने वाले राज्य पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश व राजस्थान है।
इंदिरा गांधी परियोजना
इंदिरा गाँधी परियोजना के अन्तर्गत व्यास और सतलज के संगम ‘हरिके बराज’ से इंदिरा गांधी नहर निकाली गई है। यह संसार की सबसे लम्बी(468 किमी.) नहर है।
पोंग परियोजन
इसे व्यास नदी पर बनाया गया है। यह हिमाचल प्रदेश में स्थित है।
नाथपा-झाकरी परियोजना
हिमाचल प्रदेश में सतलज नदी पर।
दुलहस्ती परियोजना
जम्मू कश्मीर में चेनाब नदी पर।
तुलबुल परियोजना
जम्मू कश्मीर में झेलम नदी पर। वूलर झील पर बांध बनाने के कारण इसे वूलर बराज परियोजना भी कहते हैं।
चमेरा परियोजना
हिमाचल प्रदेश में रावी नदी पर शुरू जल विधुत परियोजना।
थीन परियोजना
पंजाब व हिमाचल प्रदेश की सम्मिलित परियोजना रावी नदी पर।
सलाल परियोजना
जम्मू कश्मीर में चिनाब पर।
बगलिहार परियोजना
चिनाब नदी पर जम्मू कश्मीर में।
उरी परियोजना
जम्मू कश्मीर के बारामूला जिले में झेलम नदी पर।
आदि बद्री बांध
हिमाचल प्रदेश और हरियाणा की सरकारों ने आदि बद्री बांध (Adi Badri Dam) के निर्माण के लिए पंचकूला में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, जो हरियाणा के यमुना नगर जिले के आदि बद्री क्षेत्र के पास हिमाचल प्रदेश में 77 एकड़ में बनेगा। प्रस्तावित बांध का उद्देश्य 215.35 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से सरस्वती नदी का कायाकल्प करना है। बांध को हिमाचल प्रदेश की सोम नदी से 224 हेक्टेयर मीटर पानी मिलेगा जो यमुना नगर जिले में आदि बद्री के पास यमुना में गिरती है।
प्रायद्वीप भारत की नदी घाटी परियोजनाएं
पश्चिम की ओर बहने वाली(अरब सागर में गिरने वाली) नदियों से जुड़ी परियोजनाएं
नर्मदा घाटी परियोजना
इस परियोजना से लाभान्वित राज्य महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, गुजरात एवं राजस्थान। इस परियोजना के तहत 29 बड़े बांध बनाये गये हैं। इसमें मध्य प्रदेश का ‘नर्मदा सागर बांध’ व गुजरात का ‘सरदार सरोवर बांध’ प्रमुख है।
उकाई परियोजना
गुजरात व महाराष्ट्र की सम्मिलित परियोजना। ताप्ती नदी पर उकाई(गुजरात) नामक स्थान पर।
काकरापार परियोजना
गुजरात में तापी नदी पर।
इडुक्की परियोजना
केरल के इडुक्की जिले में पेरियार नदी पर।
शरावती परियोजना
कर्नाटक के शिमांगा जिले में शरावती नदी पर इसके अन्तर्गत भारत के सबसे ऊंचे जलप्रपात जोग(महात्मा गांधी) जल प्रपात पर जल विधुत केन्द्र स्थापित किया गया है।
माही परियोजना
मध्य प्रदेश माही नदी पर।
सबरी गिरी परियोजना
केरल में पम्बा नदी पर।
पल्लीवासल परियोजना
केरल में मदिरा पूजा नदी पर
पूरब की ओर बहने वाली(बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली) नदियों से जुड़ी परियोजनाएं
हीराकुंड परियोजनाओड़िसा में महानदी पर। हीराकुण्ड बांध विश्व का सबसे लम्बा(4.8 किमी.) नदी बांध है।
अलमाटी परियोजना
कर्नाटक में कृष्णा नदी पर।
तुगभद्रा परियोजना
कर्नाटक एवं आन्ध्र प्रदेश की संयुक्त परियोजना तुंगा एवं भद्रा नदियों के संगम पर।
भद्रा परियोजना
कर्नाटक में भद्रा नदी पर।
घाटप्रभा परियोजना
कर्नाटक में कावेरी नदी पर यह भारत की सबसे पुरानी जल विधुत परियोजना है।
मैटूर परियोजना
तमिलनाडु में कावेरी नदी पर।
नागार्जुन सागर परियोजना
नलगोडा जिला(तेलंगाना) एवं गुदर जिला(आन्ध्र प्रदेश) की सीमा पर कृष्णा नदी पर।
पोचम्पाद परियोजना
निजामाबाद जिला(तेलंगाना) में गोदावरी नदी पर।
निजामसागर परियोजना
तेलंगाना में गोदावरी की सहायक नदी मजरा पर।
पापनाशम परियोजना
तमिलनाडु में ताम्रपर्णी नदी पर।
कुण्डा परियोजना
तमिलनाडु में कुण्डा नदी पर।
श्री सैलम परियोजना
महबूबनगर जिला(तेलंगाना) एवं कूर्नल जिला(आंध्र प्रदेश) की सीमा पर कृष्णा नदी पर।
रामगुंडम परियोजना
तेलंगाना में गोदावरी नदी पर।
बालिमेला परियोजना
उड़ीसा में सिलेरू नदी पर।
तथ्य
दामोदर नदी घाटी परियोजना स्वतंत्र भारत की प्रथम बहुउद्देशीय परियोजना है , इस परियोजना को अमेरिका की टिनेसी योजना के माडल के आधार पर बनाया गया था ।
पंजाब में सतलज नदी पर स्थित भाखडा नांगल बांध परियोजना भारत की सबसे बडी परियोजना है । भूकम्पीय क्षेत्र में स्थित यह विश्व का सबसे ऊंचा गुरुत्वीय बांध है । इसकी सहायक इंदिरा गांधी परियोजना के तहत राजस्थान तक इंदिरा नहर का विकास किया गया है, जो भारत की सबसे बडी नहर प्रणाली है ।
बिहार का शोक माने जानी वाली कोसी नदी पर भारत व नेपाल की संयुक्त परियोजना कोसी परियोजना स्थित है ।
हीराकुंड बांध उडीसा व छ्त्तीसगढ की सीमा पर महानदी पर बना भारत का सबसे लंबा बांध है (4.8 KM)
पराम्बिकुलम परियोजना केरल की 8 छोटी – छोटी नदियों पर स्थित है ।
शराबती परियोजना, शराबती नदी पर कर्नाटक में स्थित है।
पूर्णा परियोजना, पूर्णा नदी पर महाराष्ट्र में स्थित है ।
बार्गी परियोजना, बार्गी नदी पर मध्यप्रदेश में स्थित है ।
गिरना परियोजना, गिरना नदी पर महाराष्ट्र में स्थित है ।
पनामा परियोजना, पनामा नदी पर गुजरात में स्थित है ।
कांगसाबती परियोजना, कांगसाबती नदी पर पश्चिम बंगाल में स्थित है ।
घाटप्रभा परियोजना व हिडकल परियोजना, घाटप्रभा नदी पर कर्नाटक में स्थित है ।
रामगंगा परियोजना, रामगंगा नदी पर उत्तर प्रदेश में स्थित है ।
कोयना परियोजना, कोयना नदी पर महाराष्ट्र में स्थित है ।
कुण्डा परियोजना, कुण्डा नदी पर तमिलनाडु में स्थित है ।
तुंगभद्रा परियोजना, तुंगभद्रा नदी पर आंध्र प्रदेश व कर्नाटक की संयुक्त परियोजना है ।
मयुराक्षी परियोजना, मयुराक्षी नदी पर पश्चिम बंगाल में स्थित है ।
गंडक परियोजना, गंडक नदी पर बिहार व नेपाल की संयुक्त परियोजना है ।
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