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1. प्रधानमंत्री मोदी ने छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस पर विधानसभा का उद्घाटन किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवा रायपुर (छत्तीसगढ़) का दौरा कर राज्य के रजत जयंती वर्ष — अर्थात् स्थापना के 25 वर्ष (2000–2025) — का ऐतिहासिक उत्सव मनाया। इस अवसर पर उन्होंने नए विधानसभा भवन का उद्घाटन, पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा का अनावरण, तथा ₹14,260 करोड़ से अधिक की विकास और कल्याण परियोजनाओं का शुभारंभ किया। यह कार्यक्रम विकास दृष्टि, सुशासन का प्रतीकात्मक संदेश, और सुरक्षा व प्रगति के संकल्प का संगम रहा, जो छत्तीसगढ़ की भविष्य दिशा और उपलब्धियों को दर्शाता है।
2. भारतीय नौसेना, भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना के साथ मिलकर त्रि-सेवा अभ्यास करेगी
भारतीय नौसेना द्वारा प्रमुख सेवा के रूप में भारतीय थलसेना और भारतीय वायुसेना के साथ संयुक्त रूप से आयोजित किए जा रहे त्रि-सेवा सैन्य अभ्यास (टीएसई -2025) “त्रिशूल” का नवम्बर 2025 की शुरुआत में प्रारंभ होगा। पश्चिमी नौसेना कमान का मुख्यालय तीनों सेनाओं के साथ मिलकर इस अभ्यास का संचालन करेगा। इस अभ्यास में राजस्थान और गुजरात के क्रीक और रेगिस्तानी इलाकों में बड़े पैमाने के अभियानों के साथ ही साथ ही उत्तरी अरब सागर में उभरचर अभियानों (ऐम्फिबीअस ऑपरेशन) सहित व्यापक समुद्री अभियान शामिल होंगे। गुजरात के तट और उत्तरी अरब सागर को कवर करते हुए – सेना की दक्षिणी कमान, पश्चिमी नौसेना कमान, और दक्षिण पश्चिमी वायु कमान इस अभ्यास में प्रमुख रूप से भाग ले रही हैं । इनके अतिरिक्त भारतीय तटरक्षक, सीमा सुरक्षा बल, और अन्य केंद्रीय एजेंसियां भी बड़ी संख्या में भाग ले रही हैं, जिससे अंतर-एजेंसी समन्वय और एकीकृत संचालन को और मज़बूती प्रदान की जा रही है।
3. इसरो ने नौसेना का सैटेलाइट किया लॉन्च
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने रविवार को भारतीय नौसेना के अत्याधुनिक संचार उपग्रह जीसैट-7आर (सीएमएस-03) सफलतापूर्वक लॉन्च किया। यह उपग्रह भारतीय नौसेना का अब तक का सबसे उन्नत संचार प्लेटफॉर्म है, जो इसकी अंतरिक्ष-आधारित संचार प्रणाली और समुद्री क्षेत्र जागरूकता क्षमताओं को अधिक दक्षता प्रदान करेगा। इसे भारतीय प्रक्षेपण यान द्वारा भू-समकालिक स्थानांतरण कक्षा (जीटीओ) में पहुँचाया गया और इसे श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया गया। लगभग 4,400 किलोग्राम भार वाला यह उपग्रह अब तक का भारत का सबसे भारी संचार उपग्रह है। इसमें कई उन्नत स्वदेशी तकनीकी घटक शामिल हैं, जिन्हें विशेष रूप से भारतीय नौसेना की परिचालन और सामरिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विकसित किया गया है। जीसैट-7आर उपग्रह हिंद महासागर क्षेत्र में व्यापक और बेहतर दूरसंचार कवरेज प्रदान करेगा। इसके पेलोड में ऐसे उन्नत ट्रांसपोंडर लगाए गए हैं, जो विभिन्न संचार बैंडों पर ध्वनि, डेटा और वीडियो लिंक को सपोर्ट करने में सक्षम हैं। उच्च क्षमता वाली बैंडविड्थ के साथ यह उपग्रह भारतीय नौसेना के जहाजों, विमानों, पनडुब्बियों और समुद्री संचालन केंद्रों के बीच सुरक्षित, निर्बाध तथा वास्तविक समय संचार को सुनिश्चित करेगा, जिससे नौसेना की सैन्य क्षमता में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी।
4. मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान- पूर्व छात्र पुरस्कार से सम्मानित किया गया
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार को कानपुर में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-कानपुर द्वारा विशिष्ट पूर्व छात्र पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वर्ष 1989 में शुरू किया गया यह विशिष्ट पूर्व छात्र पुरस्कार, आईआईटी कानपुर द्वारा अपने पूर्व छात्रों की उत्कृष्ट उपलब्धियों के सम्मान में दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है। श्री कुमार ने वर्ष 1985 में आईआईटी कानपुर से सिविल इंजीनियरिंग में बी.टेक की उपाधि प्राप्त की। उन्हें आज संस्थान के 66वें स्थापना दिवस समारोह में यह पुरस्कार प्रदान किया गया।
5. राज कुमार अरोड़ा ने वित्तीय सलाहकार (रक्षा सेवाएँ) का कार्यभार संभाला
वरिष्ठ भारतीय रक्षा लेखा सेवा (Indian Defence Accounts Service – IDAS) अधिकारी श्री राज कुमार अरोड़ा ने 1 नवम्बर 2025 को वित्तीय सलाहकार (रक्षा सेवाएँ) — जो भारत की रक्षा व्यवस्था में सबसे महत्वपूर्ण वित्तीय पदों में से एक है — का कार्यभार संभाला। श्री अरोड़ा, 1990 बैच के आईडीएएस अधिकारी हैं, जिन्हें रक्षा अधिग्रहण, बजटिंग, लेखा परीक्षा, वित्तीय नीतियों और कार्मिक प्रबंधन में तीन दशकों से अधिक का अनुभव प्राप्त है।
6. वाइस एडमिरल गुरचरण सिंह, एवीएसएम, एनएम ने भारतीय नौसेना के कार्मिक प्रमुख का पदभार ग्रहण किया
वाइस एडमिरल गुरचरण सिंह, एवीएसएम, एनएम ने 01 नवंबर, 2025 को भारतीय नौसेना के कार्मिक प्रमुख के रूप में पदभार ग्रहण किया। वे राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (खड़कवासला) के पूर्व छात्र रहे हैं और उन्हें 01 जुलाई, 1990 को भारतीय नौसेना में कमीशन किया गया था। वाइस एडमिरल गुरचरण सिंह ने जल और तट दोनों ही क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है।
7. लेफ्टिनेंट जनरल अविनाश दास ने नई दिल्ली स्थित आर्मी हॉस्पिटल में कमांडेंट का पदभार ग्रहण कर लिय
लेफ्टिनेंट जनरल अविनाश दास ने नई दिल्ली स्थित आर्मी हॉस्पिटल रिसर्च एंड रेफरल के कमांडेंट का पदभार ग्रहण कर लिया है। श्री दास कान, नाक और गले – ई एन टी के विशेषज्ञ हैं और सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाओं में लगभग चार दशकों की सेवा दे चुके हैं। पुणे के सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज के पूर्व छात्र होने के नाते, उन्होंने कई प्रमुख पदों पर कार्य किया है। इनमें बेस हॉस्पिटल, दिल्ली कैंट और कमांड हॉस्पिटल, लखनऊ में वरिष्ठ सलाहकार का पद शामिल है।
8. रूस की नई परमाणु पनडुब्बी ‘खाबरोवस्क’ का जलावतरण
रूस की नई परमाणु पनडुब्बी ‘खाबरोवस्क’ का जलावतरण हो गया है। यह पनडुब्बी अंतर्देशीय परमाणु ड्रोन ‘पोसाइडन’ को ले जाने के लिए तैयार की गई है। इसे डूम्सडे मिसाइल भी कहा जाता है। यह विश्व में कहीं भी जाकर भारी विनाश कर सकती है। रूस के रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलौसोव ने नौसेना प्रमुख एडमिरल अलेक्जेंडर मोइसेव और अन्य शीर्ष जहाज निर्माण अधिकारियों की उपस्थिति में खाबरोवस्क का औपचारिक रूप से जलावतरण किया। खबरोस्क पनडुब्बी को रुबिन, सेंट्रल डिजाइन ब्यूरो आफ मरीन इंजीनियरिंग ने डिजाइन किया है।
9. दक्षिण कोरिया ने स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट से अपना पाँचवाँ स्वदेशी सैन्य जासूसी उपग्रह सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया
दक्षिण कोरिया ने फ्लोरिडा में अमरीकी अंतरिक्ष केंद्र से स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट के ज़रिए अपने पांचवें स्वदेशी सैन्य जासूसी उपग्रह का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया। दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि फाल्कन 9 ने केप कैनावेरल अंतरिक्ष बल स्टेशन से उड़ान भरी और प्रक्षेपण के लगभग 14 मिनट बाद टोही उपग्रह को कक्षा में स्थापित कर दिया। सिंथेटिक अपर्चर रडार उपग्रह उत्तर कोरिया पर बेहतर निगरानी रखने और अमरीकी उपग्रह चित्रों पर अपनी निर्भरता कम करने के लिए इस वर्ष के अंत तक पांच जासूसी उपग्रह तैनात करने की देश की योजना के अंतर्गत प्रक्षेपित किया गया पांचवां और अंतिम सैन्य उपग्रह है। इस बीच, उत्तर कोरिया अपने दुश्मनों के विरूद्ध अंतरिक्ष-आधारित टोही क्षमताएँ हासिल करने के प्रयासों को भी तेज़ कर रहा है।
10. अमेज़न वर्षावन में भविष्य की जलवायु का परीक्षण
अमेज़न वर्षावन के गहरे हिस्से में वैज्ञानिकों की एक टीम एक अनोखा प्रयोग कर रही है, जिसका उद्देश्य यह समझना है कि बढ़ते कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) स्तर दुनिया के सबसे बड़े उष्णकटिबंधीय जंगल को किस प्रकार प्रभावित करेंगे। इस परियोजना का नाम ‘अमेज़नफेस (AmazonFACE)’ है, और इसका मकसद भविष्य की जलवायु स्थितियों का अनुकरण (simulate) कर यह देखना है कि वन किस तरह अनुकूलन करता है। इस अध्ययन के निष्कर्ष जल्द ही जलवायु सम्मेलन COP30 में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगे, जिसकी मेज़बानी ब्राज़ील करने जा रहा है। अमेज़नफेस अनुसंधान केंद्र अमेज़न क्षेत्र के सबसे बड़े शहर मनाउस (Manaus) के पास स्थित है। यहाँ जंगल की छत्रछाया (canopy) के ऊपर छह विशाल स्टील के वलय (rings) बनाए गए हैं, जिनमें प्रत्येक में 50 से 70 परिपक्व वृक्ष शामिल हैं। इनमें से तीन वलयों में वैज्ञानिक भविष्य के अनुमानित CO₂ स्तर (2050–2060) के अनुरूप कार्बन डाइऑक्साइड गैस छोड़ेंगे, जबकि बाकी तीन वलय नियंत्रण समूह (control groups) के रूप में बिना परिवर्तन रखे जाएँगे। यह परियोजना यूनिवर्सिदादे एस्टादुअल दे कैंपिनास (Universidade Estadual de Campinas) के सहयोग से चलाई जा रही है।
11. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने ₹1 लाख करोड़ के स्टार्टअप फंड ‘अनुसंधान’ के दूसरे संस्करण का अनावरण किया
भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने देश से विदेशी प्रौद्योगिकियों पर निर्भरता कम करने और ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत स्वदेशी नवाचार (home-grown innovation) को बढ़ावा देने का आह्वान किया है। वे TiEcon Delhi-NCR सम्मेलन में बोल रहे थे, जहाँ उन्होंने भारत के डिजिटल नेतृत्व से तकनीकी आत्मनिर्भरता (Technological Self-Reliance) की दिशा में परिवर्तन पर प्रकाश डाला। इस वर्ष का सम्मेलन थीम — “India’s Deeptech Moment: From Digital Leadership to Technological Sovereignty” (भारत का डीपटेक क्षण: डिजिटल नेतृत्व से तकनीकी प्रभुत्व की ओर) — पर आधारित था। पीयूष गोयल ने कहा कि भारत को अब ‘स्वदेशी की भावना (Spirit of Swadeshi)’ से प्रेरित होकर नवाचार का मार्ग अपनाना चाहिए, ताकि वैश्विक अस्थिरता और बदलते भू-राजनीतिक परिदृश्यों के बीच भारत आत्मनिर्भर बन सके। अपने संबोधन के दौरान, मंत्री ने अनुसंधान और नवाचार को गति देने के लिए दो महत्वपूर्ण वित्तीय पहलें घोषित कीं:
स्टार्टअप फंड ऑफ फंड्स (द्वितीय संस्करण) — जो प्रारंभिक चरण के डीपटेक स्टार्टअप्स (Deeptech Startups) को सहयोग देगा।
₹1 लाख करोड़ का अनुसंधान (Anusandhan) फंड — जो शोध, उत्पाद विकास और परिवर्तनकारी तकनीकों (transformative technologies) के वित्तपोषण हेतु स्थापित किया गया है।
12. SBI फाउंडेशन और ICRISAT ने स्मार्ट, डेटा-संचालित खेती को बढ़ावा देने हेतु स्मार्ट-क्रॉप लॉन्च किया
भारत में छोटे और सीमांत किसानों को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है — “स्मार्ट-क्रॉप परियोजना” (SMART-CROP Project) के शुभारंभ के साथ। इस परियोजना का उद्देश्य उन्नत तकनीक का उपयोग करके फसल उत्पादकता बढ़ाना और फसलों को कीट, रोग तथा जलवायु जोखिमों से बचाना है। SMART-CROP परियोजना का शुभारंभ अंतर्राष्ट्रीय शुष्क कृषि फसलों का अनुसंधान संस्थान (ICRISAT) द्वारा किया गया है, जो कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय (UAS), रायचूर और एग्रीब्रिज (Agribridge) के सहयोग से चलाई जाएगी। यह परियोजना तेलंगाना (संगारेड्डी, विकाराबाद) और कर्नाटक (बीदर, कलबुर्गी, रायचूर) के 8,000 से अधिक किसानों को लाभान्वित करेगी। यह एक तीन-वर्षीय परियोजना है, जिसे एसबीआई फाउंडेशन के LEAP कार्यक्रम (Livelihood and Entrepreneurship Accelerator Programme) के तहत समर्थन प्राप्त है। इसका फोकस है — जलवायु-स्मार्ट (climate-smart) और डेटा-आधारित कृषि समाधान (data-driven farming solutions) तैयार करना।
13. दक्षिण अफ्रीका को 52 रनों से हराकर, भारत ने पहली बार आईसीसी महिला वनडे विश्व कप अपने नाम किया
नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में आईसीसी महिला विश्व कप के फाइनल में भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 52 रन से हरा कर पहली बार विश्व कप अपने नाम किया। भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 7 विकेट पर 298 रन बनाये। जवाब में दक्षिण अफ्रीका की टीम 246 रन पर सिमट गयी। शेफाली वर्मा ने शानदार 87 बनाये और 2 विकेट भी लिये। उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच घोषित किया गया। फाइनल में 58 रन के योगदान के साथ 5 विकेट लेने वाली और पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करने वाली दीप्ति शर्मा को प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब मिला। दक्षिण अफ्रीका की कप्तान लॉरा वोल्मार्ट ने शानदार 101 रन की पारी खेली। भारत ने 1978 में पहली बार महिला विश्व कप (ICC Women’s World Cup 2025) में हिस्सा लिया था। 2005 व 2017 में मिताली राज की कप्तानी में भारत फाइनल तक पहुंचा, पर दोनों बार ट्राफी हाथ से फिसल गई। आखिरकार हरमनप्रीत की कप्तानी में टीम विश्वविजेता बन गई। महिला टीम की यह पहली आइसीसी ट्राफी है। 1983 में कपिल देव और 2011 में महेंद्र सिंह धौनी की कप्तानी में पुरुष टीम ने वनडे विश्व कप जीता था।
14. भारतीय टेनिस खिलाड़ी और दो बार के ग्रैंडस्लैम चैम्पियन रोहन बोपन्ना ने टेनिस को अलविदा कहा
भारत के अनुभवी टेनिस खिलाड़ी और दो बार के ग्रैंडस्लैम चैम्पियन रोहन बोपन्ना ने 20 साल के लंबे करियर के बाद टेनिस को अलविदा कह दिया। 45 वर्षीय भारतीय स्टार ने 26 एटीपी युगल खिताब जीते, जिनमें मैथ्यू एबडेन के साथ 2024 ऑस्ट्रेलियन ओपन शामिल है। 2003 में अपने करियर की शुरुआत करने वाले बोपन्ना ने 539 टूर-स्तरीय जीत हासिल कीं और 15 अलग-अलग खिलाड़ियों के साथ जोड़ी बनाई। वह दो बार यूएस ओपन के फाइनल में पहुँचे, दो बार एटीपी फाइनल में उपविजेता रहे। उन्होंने 43 वर्ष की आयु में ऑस्ट्रेलियन ओपन जीतने के साथ-साथ विश्व नंबर 1 रैंकिंग भी हासिल की। रोहन बोपन्ना ने आखिरी बार पेरिस मास्टर्स 1000 में एलेक्जेंडर बुब्लिक के साथ शिरकत की थी।
15. फिडे शतरंज विश्व कप ट्रॉफी का नाम बदलकर विश्वनाथन आनंद के नाम पर रखा गया
भारतीय खेल जगत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण में, फिडे शतरंज विश्व कप 2025 की ट्रॉफी का नाम भारत के महान शतरंज खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद के नाम पर रखा गया है। अब इस प्रतिष्ठित ट्रॉफी को आधिकारिक रूप से “विश्वनाथन आनंद कप” कहा जाएगा। यह सम्मान पाँच बार के विश्व चैंपियन आनंद के वैश्विक शतरंज में अतुलनीय योगदान को समर्पित है। यह घोषणा गोवा के पणजी में आयोजित एक भव्य समारोह में की गई, जिसमें केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, और फिडे अध्यक्ष अर्कादी द्वोर्कोविच शामिल थे। “मद्रास के टाइगर” के नाम से प्रसिद्ध विश्वनाथन आनंद भारत के पहले शतरंज ग्रैंडमास्टर हैं और पाँच बार के विश्व चैंपियन रह चुके हैं। उन्होंने भारत में शतरंज को लोकप्रिय बनाने के साथ-साथ नई पीढ़ी — जैसे गुकेश, प्रज्ञानानंदा और निहाल सरीन — के लिए प्रेरणा का मार्ग प्रशस्त किया।
16. पंजाब के नमितबीर सिंह वालिया ने प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय मास्टर खिताब जीता
जलंधर के नमितबीर सिंह वालिया ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शानदार प्रदर्शन करते हुए इंटरनेशनल मास्टर (IM) का प्रतिष्ठित खिताब हासिल किया है। वे पंजाब के दूसरे इंटरनेशनल मास्टर बने हैं, उनसे पहले दुष्यंत शर्मा (भी जलंधर से) ने यह उपलब्धि 2022 में हासिल की थी। नमितबीर ने फ्रांस के 3rd Annemasse International Masters Tournament में शानदार प्रदर्शन करते हुए अपना अंतिम IM नॉर्म हासिल किया और समग्र रूप से चौथे स्थान पर रहे। उनकी यह सफलता पंजाब की शतरंज समुदाय के लिए एक नया मील का पत्थर है, जो राज्य की बढ़ती प्रतिभा और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योगदान को दर्शाती है।
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