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1. वैश्विक शांति सूचकांक 2025
वैश्विक शांति सूचकांक (Global Peace Index – GPI) 2025, जो अब अपने 19वें संस्करण में है, दुनिया में राष्ट्रीय और क्षेत्रीय शांति का सबसे प्रमुख मापक बना हुआ है। इंस्टिट्यूट फॉर इकनॉमिक्स एंड पीस (IEP) द्वारा विकसित यह सूचकांक 163 देशों की शांति स्थिति का मूल्यांकन करता है, जो विश्व की 99.7% आबादी को कवर करता है। ऐसे समय में जब वैश्विक भू-राजनीतिक अस्थिरता बढ़ रही है, GPI संघर्ष, सुरक्षा और सैन्यकरण की वर्तमान वैश्विक प्रवृत्तियों का एक महत्वपूर्ण संकेतक बन गया है। ग्लोबल पीस इंडेक्स (GPI) एक वार्षिक मात्रात्मक विश्लेषण है, जो शांति को तीन प्रमुख क्षेत्रों में 23 संकेतकों के आधार पर मापता है:
- सामाजिक सुरक्षा और संरक्षा
- चल रहे घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय संघर्ष
- सैन्यकरण की स्थिति
इस सूचकांक को इंस्टिट्यूट फॉर इकनॉमिक्स एंड पीस (IEP) द्वारा प्रकाशित किया जाता है, जो सिडनी (ऑस्ट्रेलिया) में स्थित एक स्वतंत्र, गैर-पक्षपाती थिंक टैंक है। 2025 वैश्विक शांति में पिछले 17 वर्षों में 13वीं गिरावट का वर्ष है। औसतन वैश्विक शांति में 0.36% की कमी दर्ज की गई। आइसलैंड वर्ष 2008 से लगातार दुनिया का सबसे शांतिपूर्ण देश बना हुआ है। 2025 में विश्व के शीर्ष 5 सबसे शांतिपूर्ण देश (Global Peace Index के अनुसार)
रैंक | देश | GPI स्कोर | क्षेत्र |
1 | आइसलैंड (Iceland) | 1.095 | यूरोप |
2 | आयरलैंड (Ireland) | 1.260 | यूरोप |
3 | न्यूज़ीलैंड (New Zealand) | 1.282 | ओशिनिया |
4 | ऑस्ट्रिया (Austria) | 1.294 | यूरोप |
5 | स्विट्ज़रलैंड (Switzerland) | 1.294 | यूरोप |
यूक्रेन युद्ध के लंबा खिंचने, पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों और आंतरिक राजनीतिक दमन के कारण रूस को 2025 के वैश्विक शांति सूचकांक (GPI) में सबसे निचला स्थान (रैंक 163) प्राप्त हुआ है। इसके ठीक बाद यूक्रेन का स्थान है। भारत ने 163 देशों में 115वां स्थान प्राप्त किया है, और इसका GPI स्कोर 2.229 है। यह पिछले वर्ष की तुलना में 0.58% सुधार को दर्शाता है।
2. एसडीजी इंडेक्स में टॉप 100 देशों की लिस्ट में भारत की एंट्री, रैंक में हुआ सुधार
भारत ने सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल (एसडीजी) को प्राप्त करने में प्रगति करने वाले 167 देशों की लिस्ट में पहली बार टॉप 100 में आने के साथ अपनी स्थिति मजबूत की है। एक लेटेस्ट रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। यूएन सस्टेनेबल डेवलपमेंट सॉल्यूशन नेटवर्क (एडीएसएन) द्वारा जारी सस्टेनेबल डेवलपमेंट रिपोर्ट (एसडीआर) के 10वें एडिशन के अनुसार, भारत 2025 एसडीजी इंडेक्स में 67 अंकों के साथ 99वें स्थान पर है। अमेरिका इस लिस्ट में 75.2 अंकों के साथ 44वें स्थान पर है। 2015 में सभी संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों द्वारा अपनाए जाने के बाद से सस्टेनेबल डेवलपमेंट रिपोर्ट (एसडीआर) प्रत्येक वर्ष एसडीजी पर हुई प्रगति की समीक्षा करती है। स्पेन में चौथे इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन डेवलपमेंट (एफएफफॉरडी) से पहले एसडीआर के इस 10वीं वर्षगांठ संस्करण में ग्लोबल फाइनेंशियल आर्टिटेक्चर (जीएफए) में तत्काल सुधारों की रूपरेखा दी गई है और इसमें पहली बार यह आकलन भी शामिल है कि किन देशों ने सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल पर सबसे ज्यादा प्रगति की। एसडीआर में एसडीजी इंडेक्स और डैशबोर्ड शामिल हैं, जो 17 लक्ष्यों के संदर्भ में सभी यूएन सदस्य देशों के प्रदर्शन के आधार पर रैंकिंग देते हैं। इस वर्ष की रिपोर्ट में एक नया इंडेक्स (एसडीजीआई) शामिल है, जो समय के साथ समग्र एसडीजी प्रगति को ट्रैक करने के लिए 17 मुख्य संकेतकों पर ध्यान केंद्रित करता है।
3. अमेरिका के फ्लोरिडा से अंतरिक्ष के लिए रवाना हुआ Axiom-4 मिशन, भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला पायलट की भूमिका में
एक्सिओम स्पेस का चौथा निजी अंतरिक्ष मिशन Axiom-4 सफलतापूर्वक अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित NASA के केनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च हुआ। मिशन को SpaceX के नए ड्रैगन अंतरिक्ष यान लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39ए के जरिये रवाना किया गया। इस मिशन में भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला पायलट की भूमिका निभा रहे हैं। वह ISRO (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) के अंतरिक्ष यात्री हैं। मिशन की कमान NASA की पूर्व अंतरिक्ष यात्री और Axiom Space की मानव अंतरिक्ष उड़ान निदेशक पेगी व्हिटसन के हाथों में है। उनके साथ मिशन विशेषज्ञों के रूप में स्लावोस्ज उजनांस्की-विस्निवेस्की (पोलैंड, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी) और तिबोर कपू (हंगरी) शामिल हैं। Axiom-4 मिशन अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से 26 जून, गुरुवार को सुबह 7 बजे ET (भारतीय समयानुसार शाम 4 बजे) डॉकिंग करेगा। डॉकिंग के बाद, चारों अंतरिक्ष यात्री लगभग 14 दिन तक अंतरिक्ष स्टेशन पर रहेंगे और विज्ञान, शिक्षा और व्यावसायिक गतिविधियों से जुड़ी परियोजनाओं पर कार्य करेंगे। यह मिशन Axiom का अब तक का सबसे वैज्ञानिक रूप से समृद्ध निजी अंतरिक्ष अभियान है। मिशन में कुल 60 वैज्ञानिक प्रयोग और अध्ययन किए जाएंगे, जो 31 देशों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिनमें भारत, अमेरिका, पोलैंड, हंगरी, सऊदी अरब, ब्राजील, नाइजीरिया, संयुक्त अरब अमीरात और कई यूरोपीय देश शामिल हैं। ये अध्ययन अंतरिक्ष में जीवन, जैविक प्रक्रियाओं और तकनीकी व्यवहार को समझने के लिए महत्वपूर्ण हैं।NASA और ISRO इस मिशन में संयुक्त रूप से कई अनुसंधान कर रहे हैं। इन अध्ययनों में मांसपेशियों की पुनरुत्पत्ति (muscle regeneration), खाद्य सूक्ष्म शैवाल (edible microalgae) और अंकुरों की वृद्धि, सूक्ष्म जलीय जीवों का अंतरिक्ष में अस्तित्व, और अंतरिक्ष में इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले के साथ मानव सहभागिता पर अध्ययन शामिल है। इस मिशन में अंतरिक्ष यात्री एक्सिओम एक्स्ट्रावेहिकुलर मोबिलिटी यूनिट (AxEMU) नामक नई पीढ़ी का स्पेससूट पहन रहे हैं। यह सूट चंद्रमा और अंतरिक्ष में बेहतर सुरक्षा और काम करने की सुविधा प्रदान करता है। यह अत्याधुनिक तकनीक NASA की आवश्यकताओं के अनुसार विकसित की गई है और विभिन्न शारीरिक आकारों वाले अंतरिक्ष यात्रियों के लिए उपयुक्त है।
4. कैबिनेट ने आगरा में अंतर्राष्ट्रीय आलू केंद्र की स्थापना को दी मंजूरी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को उत्तर प्रदेश के आगरा में अंतर्राष्ट्रीय आलू केंद्र (सीआईपी) के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र (सीएसएआरसी) की स्थापना के लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस निवेश का मुख्य उद्देश्य आलू और शकरकंद की उत्पादकता, कटाई के बाद प्रबंधन और मूल्य संवर्धन में सुधार करके खाद्य और पोषण सुरक्षा, किसानों की आय और रोजगार सृजन को बढ़ाना है। आलू चावल, गेहूं और मक्का के बाद दुनिया की चौथी प्रमुख खाद्यान्न फसल है। भारत में आलू क्षेत्र में उत्पादन क्षेत्र, प्रसंस्करण क्षेत्र, पैकेजिंग, परिवहन, मार्केटिंग, मूल्य श्रृंखला आदि में महत्वपूर्ण रोजगार अवसर पैदा करने की क्षमता है। इसलिए इस क्षेत्र में विशाल संभावनाओं का दोहन और अन्वेषण करने के लिए, अंतर्राष्ट्रीय आलू केंद्र का दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र सिंगना, आगरा, उत्तर प्रदेश में स्थापित किया जा रहा है। सीएसएआरसी द्वारा विकसित आलू और शकरकंद की उच्च उपज देने वाली, पोषक तत्व वाली और जलवायु अनुकूल किस्में, विश्व स्तरीय विज्ञान और नवाचार के माध्यम से न केवल भारत में बल्कि दक्षिण एशिया क्षेत्र में भी आलू और शकरकंद क्षेत्र के सतत विकास में तेजी आएगी।
5. ईरानी संसद का बड़ा फैसला, IAEA से सहयोग निलंबित करने को दी मंजूरी
ईरानी संसद ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी संस्था, अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के साथ सहयोग निलंबित करने वाले विधेयक को मंजूरी दे दी। ईरान की अर्ध-सरकारी मेहर समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, यह निर्णय हाल ही में अमेरिका द्वारा ईरान के तीन परमाणु स्थलों एस्फाहान, फोर्डो और नतांज में “ऑपरेशन मिडनाइट हैमर” के बाद लिया गया। संसद के खुले सत्र के दौरान, सांसदों ने एक योजना की सामान्य रूपरेखा पर सहमति व्यक्त की, जिसमें आईएईए के साथ सहयोग निलंबित करने की बात कही गई। सत्र में उपस्थित 223 प्रतिनिधियों में से 221 ने पक्ष में, एक ने विपक्ष और एक ने मतदान में भाग नहीं लिया। ईरान ने कहा कि उसे अपनी संप्रभुता, हितों और लोगों की रक्षा करने का पूरा अधिकार है।
6. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह चीन के किंगदाओ शहर पहुंचे, SCO रक्षा मंत्रियों की बैठक में लेंगे भाग
भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की रक्षा मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए चीन के किंगदाओ शहर पहुंच गए हैं। उनके आगमन पर चीन के रक्षा मंत्री एडमिरल डोंग जुन ने उनका स्वागत किया। बैठक शुरू होने से पहले राजनाथ सिंह, एडमिरल डोंग जुन और अन्य सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों ने एक साथ समूह फोटो खिंचवाई। SCO रक्षा मंत्रियों की यह महत्वपूर्ण बैठक 25 और 26 जून को आयोजित हो रही है।बता दें कि साल 2025 के लिए SCO की अध्यक्षता चीन ने संभाली है और इस वर्ष का थीम ‘शंघाई भावना को बनाए रखना : SCO गतिशीलता की ओर’ रखी गई है। गौरतलब है कि SCO, भारत, चीन, रूस सहित कई मध्य एशियाई देशों का एक अंतर-सरकारी संगठन है, जिसका मुख्य उद्देश्य क्षेत्रीय स्थिरता, शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देना है। इस बैठक के दौरान, सदस्य देशों के रक्षा मंत्री क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी प्रयासों और SCO सदस्य देशों के रक्षा मंत्रालयों के बीच सहयोग जैसे मुद्दों पर चर्चा की उम्मीद है।
7. NACH 3.0: सैलरी-पेंशन से EMI-SIP तक, सभी ट्रांजेक्शन होंगे फास्ट
जुलाई 2025 से नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) NACH 3.0 लॉन्च करेगा, जो नेशनल ऑटोमेटेड क्लीयरिंग हाउस (NACH) सिस्टम का एक महत्वपूर्ण उन्नयन है। यह नया संस्करण वेतन क्रेडिट, ईएमआई, और एसआईपी प्रोसेसिंग को तेज़ बनाने, सुरक्षा को बेहतर करने, और ग्राहक व बैंक इंटरफेस को सरल बनाने के लिए तैयार किया गया है। NACH 3.0 डिजिटल लेन-देन को लाखों भारतीयों के लिए और अधिक तेज़, सुरक्षित और पारदर्शी बना देगा। NACH एक केंद्रीकृत मंच है जिसका उपयोग सैलरी, पेंशन, ईएमआई, सब्सिडी, ऑटो-डेबिट जैसी बार-बार होने वाली लेन-देन के लिए होता है।इसका व्यापक उपयोग ई-मैंडेट्स के रूप में होता है – जैसे म्यूचुअल फंड निवेश, ओटीटी सब्सक्रिप्शन, यूटिलिटी बिल आदि।
8. पूर्वी तटीय रेलवे ने रथ यात्रा के लिए ‘ECoR Yatra’ App शुरु किया
भारत के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक रथ यात्रा 2025 के दौरान यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए, ईस्ट कोस्ट रेलवे (ECoR) ने ‘ECoR Yatra’ मोबाइल ऐप लॉन्च किया है। यह रियल-टाइम डिजिटल समाधान अब Google Play Store पर उपलब्ध है और तीर्थयात्रियों को रेलवे सेवाओं, आवास और यात्री सुविधाओं की संपूर्ण जानकारी प्रदान करता है। पुरी, ओडिशा में रथ यात्रा के लिए लाखों श्रद्धालुओं के जुटने को ध्यान में रखते हुए डिज़ाइन किया गया यह ऐप प्रदान करता है:
- रियल-टाइम ट्रेन की स्थिति और शेड्यूल
- 25 जून से 7 जुलाई 2025 तक चलने वाली विशेष रथ यात्रा ट्रेनों की सूची
- रिटायरिंग रूम और ठहरने की व्यवस्था की जानकारी
- आरक्षित व अनारक्षित टिकटों की बुकिंग सुविधा
- आपातकालीन संपर्क और डिजिटल साक्षरता गाइड
9. किर्स्टी कोवेंट्री आईओसी की पहली महिला और अफ़्रीकी अध्यक्ष बनीं
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) ने 23 जून 2025 को अपनी 131वीं वर्षगांठ एक ऐतिहासिक क्षण के रूप में मनाई, जब जिम्बाब्वे की पूर्व ओलंपिक तैराक किर्स्टी कोवेंट्री को औपचारिक रूप से IOC की पहली महिला और पहली अफ्रीकी अध्यक्ष के रूप में शपथ दिलाई गई। यह ऐतिहासिक पदभार ग्रहण समारोह स्विट्ज़रलैंड के लॉज़ेन स्थित ओलंपिक हाउस में आयोजित हुआ, जहाँ किर्स्टी कोवेंट्री को निवर्तमान अध्यक्ष थॉमस बाक से प्रतीकात्मक ओलंपिक कुंजी प्राप्त हुई, जो उनके आठ साल के कार्यकाल की शुरुआत का प्रतीक है।
10. अडाणी ग्रुप ने शुरू किया भारत का पहला ऑफ-ग्रिड ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट
अडानी समूह ने भारत के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है, जहां 23 जून 2025 को गुजरात के कच्छ में देश का पहला ऑफ-ग्रिड 5 मेगावाट ग्रीन हाइड्रोजन पायलट प्लांट चालू किया गया। यह अभिनव परियोजना भारत की स्वच्छ ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है और विकेन्द्रित हाइड्रोजन उत्पादन की तकनीकी संभावनाओं को दर्शाती है। यह अत्याधुनिक संयंत्र पूरी तरह सौर ऊर्जा से संचालित है और किसी भी प्रकार से मुख्य बिजली ग्रिड से जुड़ा नहीं है। यहां इलेक्ट्रोलिसिस प्रक्रिया द्वारा जल को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में विभाजित किया जाता है, जिससे पूरी तरह पर्यावरण-अनुकूल हाइड्रोजन उत्पादन होता है।अडानी न्यू इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड (ANIL) – अडानी एंटरप्राइज़ेज की स्वच्छ ऊर्जा शाखा – द्वारा विकसित इस पायलट संयंत्र में अत्याधुनिक बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) भी है, जो सौर ऊर्जा की अनुपलब्धता के दौरान भी उत्पादन को लगातार बनाए रखता है।
11. नीतीश कुमार ने पटना को जोड़ने वाले रणनीतिक गंगा पुल का उद्घाटन किया
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण राजनीतिक और अधोसंरचनात्मक पहल करते हुए गंगा नदी पर बने छह लेन वाले पुल का उद्घाटन किया, जो राज्य की राजधानी पटना को उनके कट्टर प्रतिद्वंदी और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद के राजनीतिक गढ़ राघोपुर से जोड़ता है। यह रणनीतिक परियोजना केवल एक संरचना नहीं, बल्कि एक गहरे राजनीतिक संदेश का प्रतीक है—सत्ता के केंद्र को विपक्षी नेता के क्षेत्र से जोड़ना। 4.57 किलोमीटर लंबा यह पुल पटना के पूर्वी छोर पर स्थित कच्ची दरगाह के पास नीतीश कुमार द्वारा फीता काटकर उद्घाटित किया गया।
12. भारतीय रेलवे ने बिना प्रीमियम के कर्मचारियों को ₹1 करोड़ का दुर्घटना मुआवजा देने की पेशकश की
भारतीय रेलवे ने अपने कर्मचारियों की आकस्मिक मृत्यु की स्थिति में उनके परिवार को ₹1 करोड़ का मुआवज़ा देने की योजना शुरू की है, जिसमें कर्मचारियों से कोई प्रीमियम नहीं लिया जाएगा। यह पहल रेलवे कर्मचारियों और उनके परिवारों की आर्थिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए शुरू की गई है, क्योंकि उनकी नौकरियां उच्च जोखिम वाली मानी जाती हैं। यह योजना तब चर्चा में आई जब मुरादाबाद मंडल के लोको पायलट सुशील लाल की ड्यूटी के दौरान दुर्घटना में मृत्यु हो गई और उनकी पत्नी प्रिया सिंह को 21 जून 2025 को दिल्ली में ₹1 करोड़ का चेक उत्तरी रेलवे अधिकारियों द्वारा सौंपा गया। यह इस योजना के तहत दिया गया पहला मुआवज़ा था।
13. Bihar में लगेगा राज्य का पहला परमाणु ऊर्जा संयंत्र
25 जून 2025 को एक ऐतिहासिक घोषणा करते हुए केंद्रीय विद्युत मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बताया कि बिहार में जल्द ही राज्य का पहला न्यूक्लियर पावर प्लांट स्थापित किया जाएगा। यह योजना भारत में स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) आधारित ऊर्जा प्रणालियों के विस्तार का हिस्सा है, जिसमें बिहार उन पहले छह राज्यों में शामिल होगा जहाँ इस तकनीक को लागू किया जा रहा है। यह तकनीक खास तौर पर उन क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है जहाँ बिजली की मांग कम है या भौगोलिक परिस्थितियाँ चुनौतीपूर्ण हैं — जैसे कि बिजली संकट से जूझता बिहार। SMR के ज़रिए स्थानीय मांग के अनुसार बिजली उत्पादन को जल्दी स्केल किया जा सकता है।
14. असम ने ट्रांस समुदाय के लिए ओबीसी दर्जा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए आरक्षण की घोषणा की
सामाजिक समावेशन और जमीनी स्तर पर सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक ऐतिहासिक नीतिगत कदम उठाते हुए, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने 23 जून, 2025 को घोषणा की कि असम में ट्रांसजेंडर समुदाय को अब ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) का दर्जा दिया जाएगा। समानांतर कदम उठाते हुए, उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग (डब्ल्यूसीडी) के तहत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए पर्यवेक्षक स्तर के पदों पर 50% आरक्षण की भी घोषणा की, जिससे सरकारी ढांचे के भीतर उनके करियर की प्रगति को बढ़ावा मिला।
15. IIT-Delhi ने एससी/एसटी उम्मीदवारों के लिए पहला विशेष पीएचडी प्रवेश अभियान शुरू किया
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली (IIT-दिल्ली) ने उच्च शिक्षा में समावेशन को बढ़ावा देने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। संस्थान ने पहली बार अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) उम्मीदवारों के लिए विशेष पीएचडी प्रवेश अभियान शुरू किया है। यह पहल प्रतिष्ठित संस्थान में इन समुदायों की पीएचडी कार्यक्रमों में निरंतर कम भागीदारी को देखते हुए की गई है, और हाल ही में एक संसदीय समिति द्वारा संवैधानिक सुरक्षा उपायों की समीक्षा के बाद इसे गति मिली है। IIT-दिल्ली द्वारा शुरू किया गया यह विशेष पीएचडी प्रवेश अभियान इसलिए चर्चा में है क्योंकि इसके पीछे SC/ST उम्मीदवारों की कम भागीदारी और आरक्षण मानदंडों की पूर्ति में कमी प्रमुख कारण रहे हैं।अप्रैल 2025 में एक संसदीय समिति की संस्थान में समीक्षा यात्रा के बाद यह पहल शुरू की गई। आवेदन की अंतिम तिथि 30 जून 2025 रखी गई है।
16. ICMR ने शुरू की राष्ट्रीय दुर्लभ रक्तदाता रजिस्ट्री
भारत सरकार के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक अहम कदम उठाते हुए दुर्लभ रक्त समूह वाले मरीजों की स्वास्थ्य सेवा तक बेहतर पहुँच सुनिश्चित करने के लिए रेयर डोनर रजिस्ट्री को राष्ट्रीय डिजिटल प्लेटफॉर्म ई-रक्त कोष (e-Rakt Kosh) से जोड़ने की योजना की घोषणा की है। यह पहल राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत विकसित e-Rakt Kosh के माध्यम से पूरे देश में ब्लड बैंकों, रक्त की उपलब्धता और रक्तदान शिविरों की रीयल-टाइम जानकारी प्रदान करती है। इस एकीकरण से राज्यों और ब्लड बैंकों में दुर्लभ रक्त समूह की खोज आसान होगी और आपात स्थितियों में जान बचाई जा सकेगी।
17. पीएम मोदी ने ‘द इमरजेंसी डायरीज’ में बयां किया आपातकाल का अपना सफर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में इमरजेंसी के 50 साल पूरे होने पर अपनी भूमिका से जुड़ी एक किताब को सोशल मीडिया पर साझा किया है। उन्होंने ‘द इमरजेंसी डायरीज’ में आपातकाल (1975-1977) के दौरान अपने सफर को साझा किया है। इस किताब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 25 जून 2024 को आपातकाल के काले दिनों को याद करते हुए दिए बयान का जिक्र किया गया है। इसमें कहा गया, “भारत की नई पीढ़ी को कभी नहीं भूलना चाहिए कि कैसे संविधान को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया, उसे तार-तार किया गया और देश को एक जेल में बदल दिया गया, जहां लोकतंत्र को पूरी तरह कुचल दिया गया।”
18. आपातकाल की घोषणा के 50 वर्ष
25 जून 1975 की वो रात जब भारत का लोकतंत्र सिहर उठा। आधी रात को रेडियो पर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल की घोषणा की थी। देश में समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में भ्रष्टाचार और महंगाई के खिलाफ आंदोलन तेज हो रहा था। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंदिरा की लोकसभा सदस्यता को रद्द कर दिया था, जिससे उनकी कुर्सी खतरे में पड़ गई। जयप्रकाश नारायण जैसे नेताओं की आवाज जनता को एकजुट कर रही थी। ऐसे में आपातकाल एक ऐसा हथियार बन गया, जिसने लोकतंत्र को बंधक बना लिया। इस तनाव के बीच 25 जून की रात को इंदिरा गांधी ने संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत आपातकाल की घोषणा कर दी। यह फैसला बिना कैबिनेट की मंजूरी के रातोंरात लिया गया। राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने मध्यरात्रि में इस पर हस्ताक्षर किए और देश आपातकाल के अंधेरे में डूब गया। आपातकाल के दौरान नागरिकों के मौलिक अधिकारों का निलंबन कर दिया गया। बोलने की आजादी छीन ली गई। प्रेस पर सेंसरशिप का ताला लग गया। अखबारों में छपने वाली हर खबर को सरकारी सेंसर की मंजूरी लेनी पड़ती थी। कई पत्रकारों को गिरफ्तार किया गया और समाचार पत्रों के दफ्तरों पर ताले जड़ दिए गए। विपक्षी नेताओं जयप्रकाश नारायण, अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, जॉर्ज फर्नांडीस को रातोंरात जेल में कैद कर लिया गया। जेलें इतनी भर गईं कि जगह कम पड़ने लगी। 21 महीने तक चले इस आपातकाल का अंत 21 मार्च, 1977 को हुआ, जब इंदिरा गांधी ने चुनाव की घोषणा की। शायद उन्हें भरोसा था कि जनता उनके साथ है। लेकिन, 1977 के चुनाव में जनता ने कांग्रेस को करारी शिकस्त दी। जनता पार्टी की सरकार बनी। इस जीत में उन लाखों लोगों का योगदान था, जिन्होंने जेलों में यातनाएं झेली, सड़कों पर प्रदर्शन किए और अपनी आवाज बुलंद की। जनता ने इंदिरा गांधी की सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया और मोरारजी देसाई के नेतृत्व में जनता पार्टी की सरकार बनी।
17. पंत दोनों टेस्ट पारियों में शतक लगाने वाले पहले भारतीय विकेटकीपर बने
विकेटकीपर-बल्लेबाज़ ऋषभ पंत ने जून 2025 में इंग्लैंड के खिलाफ हेडिंग्ले टेस्ट के दौरान इतिहास रच दिया। उन्होंने दोनों पारियों में शानदार शतक जड़ते हुए—पहली पारी में 134 रन और दूसरी पारी में 118 रन बनाए—और टेस्ट इतिहास में दोनों पारियों में शतक लगाने वाले केवल दूसरे विकेटकीपर बन गए। उनके इस बेहतरीन प्रदर्शन ने भारत को पहली बार किसी टेस्ट मैच में पांच शतक दिलाने में मदद की, जिससे मेहमान टीम की दबदेदार मौजूदगी साफ दिखाई दी। पंत की दोहरा शतक की उपलब्धि ने उन्हें एंडी फ्लावर (2001) की विशिष्ट श्रेणी में ला खड़ा किया।
18. ललित उपाध्याय ने इंटरनेशनल हॉकी से संन्यास लिया
भारत के सबसे जीवंत और कुशल फॉरवर्ड्स में से एक, लालित कुमार उपाध्याय ने 22 जून 2025 को बेल्जियम के खिलाफ एफआईएच प्रो लीग में 4-3 की जीत के बाद अंतरराष्ट्रीय हॉकी से संन्यास लेने की घोषणा की। 31 वर्षीय खिलाड़ी का संन्यास भारतीय हॉकी के एक शानदार युग का समापन है। उन्होंने टोक्यो 2020 और पेरिस 2024 ओलंपिक में कांस्य पदक दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
19. अंतरराष्ट्रीय मादक द्रव्य निषेध एवं तस्करी रोकथाम दिवस : 26 जून
प्रत्येक वर्ष 26 जून को अंतरराष्ट्रीय मादक द्रव्य निषेध एवं तस्करी रोकथाम दिवस के रूप में मनाया जाता है। देश भर में नशीली दवाओं की मांग में कमी के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना (एनएपीडीडीआर) के अंतर्गत विभाग ने सभी समर्थित राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों और सभी गैर सरकारी संगठनों/स्वैच्छिक संगठनों से 1 जून से 26 जून, 2025 तक एनएमबीए के अंतर्गत जागरूकता कार्यक्रम/कार्यक्रम आयोजित करने और संचालित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए कहा है। इस कार्यक्रम के माध्यम से विभाग पूरे देश में जन आंदोलन के रूप में नशा मुक्त भारत अभियान तक पहुंच सुनिश्चित करेगा।
20. नाविक दिवस 2025
हर वर्ष 25 जून को ‘अंतर्राष्ट्रीय नाविक दिवस’ (Day of the Seafarer) मनाया जाता है, जो वैश्विक व्यापार, अर्थव्यवस्था और समाज में नाविकों के महत्वपूर्ण योगदान को मान्यता देने का दिन है। इस वर्ष का उत्सव एक सशक्त संदेश और अभियान के साथ आया है—‘My Harassment-Free Ship’—जिसका उद्देश्य समुद्र में कार्यस्थलों पर उत्पीड़न और भेदभाव को पूरी तरह समाप्त करना है।
21. अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस 2025
अंतरराष्ट्रीय विधवा दिवस (International Widows Day) हर साल 23 जून को मनाया जाता है। यह दिन दुनिया भर की करोड़ों विधवाओं की चुनौतियों पर प्रकाश डालता है—जो अक्सर लैंगिक समानता और मानवाधिकारों की चर्चाओं में अदृश्य रह जाती हैं। इसकी शुरुआत 2005 में लूम्बा फाउंडेशन (Loomba Foundation) ने की थी, और 2010 में संयुक्त राष्ट्र (UN) द्वारा इसे आधिकारिक मान्यता मिली। इस दिन का उद्देश्य विधवाओं को गरिमा, न्याय और समानता दिलाना है।
22. कूटनीति में महिलाओं का अंतर्राष्ट्रीय दिवस 2025
अंतरराष्ट्रीय महिला कूटनीति दिवस (International Day of Women in Diplomacy – IDWD) हर साल 24 जून को मनाया जाता है। यह दिन कूटनीति जैसे ऐतिहासिक रूप से पुरुष-प्रधान क्षेत्र में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को सम्मान देने और उनके योगदान को स्वीकार करने के लिए मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने 2022 में अपने 76वें सत्र (प्रस्ताव संख्या A/RES/76/269) के दौरान इस दिन को आधिकारिक रूप से घोषित किया। यह दिन वैश्विक शासन, शांति प्रक्रिया और विदेश नीति में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने की एक सशक्त पुकार है। “कूटनीति में महिलाओं की नेतृत्व क्षमता के सामने मौजूद संरचनात्मक बाधाओं को समाप्त करना”इस वर्ष की थीम कूटनीति के क्षेत्र में महिलाओं को मिलने वाली सीमित नेतृत्व भूमिकाओं, लैंगिक पूर्वाग्रह, रूढ़ियों, राजनीतिक हिंसा और संस्थागत असमानताओं की ओर ध्यान दिलाती है।
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