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1.गीता और नाट्यशास्त्र यूनेस्को ‘मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर’ में शामिल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘श्रीमद्भगवद्गीता’ और भरत मुनि के ‘नाट्यशास्त्र’ को यूनेस्को के ‘मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर’ में शामिल किए जाने पर खुशी जाहिर की। दरअसल, शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ के जरिए जानकारी दी कि ‘गीता’ और ‘नाट्यशास्त्र’ को यूनेस्को के ‘मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर’ में शामिल किया गया है। यूनेस्को के मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर में शामिल भारतीय अभिलेखों की कुल संख्या अब 14 हो गई है। श्रीमद भगवद गीता का उल्लेख हिंदू महाकाव्य महाभारत के भीष्मपर्व में किया गया है। माना जाता है कि महर्षि वेद व्यास ने महाभारत की रचना की थी। भगवद गीता में 700 श्लोक हियन जो 18 अध्यायों में वर्णित हैं। नाट्यशास्त्र, जिसकी रचना भरतमुनि ने दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व में की थी, में 36,000 श्लोक हैं। नाट्यशास्त्र, जिसे गंधर्व वेद के नाम से भी जाना जाता है, नाट्यवेद का सार माना जाता है – जो प्रदर्शन कलाओं की मौखिक परंपरा है। ‘मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर’ यूनेस्को की तरफ से शुरू किया गया एक प्रोग्राम है, जिसका मकसद विश्वभर के महत्वपूर्ण दस्तावेजी विरासत को संरक्षित करना है। इसके साथ ही इसे आसानी से लोगों तक पहुंचाना होता है। इस कार्यक्रम की शुरुआत 1992 में हुई थी। यूनेस्को द्वारा गुरुवार को जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, यूनेस्को (UNESCO) के विश्व स्मृति रजिस्टर में कुल 74 नई एंट्री की गईं, जिससे कुल अभिलेखित संग्रहों की संख्या 570 हो गई। सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर के सम्मान और संरक्षण के लिए हर साल 18 अप्रैल को ‘विश्व धरोहर दिवस’ मनाया जाता है। विश्व धरोहर सम्मेलन 1972 में यूनेस्को द्वारा किया गया एक अंतर्राष्ट्रीय समझौता है।
2.प्रधानमंत्री के भाषणों का संकलन ‘संस्कृति का पांचवां अध्याय’ नामक पुस्तक का विमोचन किया गया
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषणों के संकलन संस्कृति का पांचवां अध्याय नामक पुस्तक का नई दिल्ली में विमोचन किया गया। जूना अखाड़े के प्रमुख आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने इसका विमोचन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राज्यसभा के उप-सभापति हरिवंश ने देश की संस्कृति, परंपराओं, आध्यात्मिक मूल्यों और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने में प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों की सराहना की। पुस्तक की प्रस्तावना राम बहादुर राय ने लिखी है और संकलन डॉ. प्रभात ओझा ने किया है। प्रभात प्रकाशन ने इस पुस्तक का प्रकाशन किया है।
3.गुजरात पुलिस ने ड्रोन के ज़रिए अपराध प्रतिक्रिया बढ़ाने के लिए ‘जीपी-दृष्टि परियोजना’ शुरू की
अप्रैल 2025 में, गुजरात पुलिस ने ‘गुजरात पुलिस – ड्रोन प्रतिक्रिया और हवाई निगरानी सामरिक हस्तक्षेप (जीपी-दृष्टि) परियोजना’ शुरू की, जिसका उद्देश्य ड्रोन-आधारित निगरानी के ज़रिए अपराध की घटनाओं के दौरान पुलिस की प्रतिक्रिया समय को बढ़ाना है। परियोजना के हिस्से के रूप में, जब भी पुलिस नियंत्रण संख्या 100 के ज़रिए किसी घटना की सूचना दी जाती है, तो पुलिस नियंत्रण कक्ष (पीसीआर) वैन और ड्रोन बेस स्टेशन दोनों को एक साथ अलर्ट भेजा जाएगा। अहमदाबाद और सूरत में आयोजित 10-दिवसीय पायलट परियोजना के दौरान, ड्रोन 2 से 2.5 मिनट में घटनास्थल पर पहुँचने में सक्षम थे, जो पीसीआर वैन द्वारा लिए गए समय से आधे से भी कम है।
4.देवप्रयाग में सौड़ से जनासु तक बन रही भारत की सबसे लंबी रेल सुरंग आर-पार हुई
उत्तराखंड में बन रही भारत की सबसे लंबी रेल सुरंग सफलतापूर्वक आर-पार हो गई है। यह सुरंग 125 किलोमीटर लंबी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग ब्रॉड गेज रेल परियोजना का हिस्सा है और इसकी लंबाई 14 दशमलव पांच-सात किलोमीटर है, जो देवप्रयाग में सौड़ से जनासु तक बनी है। सुरंग के ब्रेक थ्रू होने के अवसर पर कल केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सुरंग स्थल पहुंचे और निरीक्षण किया। गौरतलब है कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का लगभग 105 किलोमीटर हिस्सा सुरंग से होकर गुजरेगा, जिसमें सोलह सुरंग होंगी। इस परियोजना के पूरा होने के बाद ऋषिकेश से कर्णप्रयाग का सफर सात घंटे से घटकर दो घंटे का रह जाएगा। वहीं, उत्तरकाशी जिले की सिलक्यारा सुरंग को भी सफलतापूर्वक आर-पार किया जा चुका है। यह सुरंग गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के बीच की दूरी 25 किलोमीटर तक कम कर देगी, जिससे यात्रियों को बेहतर सुविधा और समय की बचत होगी। इस सुरंग की लंबाई लगभग साढे चार किलोमीटर है। यह सुरंग वर्ष 2023 में चर्चा में आई थी, जब इस सुरंग के भीतर का एक हिस्सा ढहने से 41 मजदूर अंदर फंस गए थे और उन्हें 17 दिन के रेस्क्यू अभियान के बाद सुरक्षित बाहर निकाला गया।
5.11वें वार्षिक ब्रेकथ्रू पुरस्कार 2025: जम्मू विश्वविद्यालय को मान्यता दी गई
अप्रैल 2025 में, 11वें वार्षिक ब्रेकथ्रू पुरस्कार, जिन्हें विज्ञान के ऑस्कर के रूप में भी जाना जाता है, की घोषणा ब्रेकथ्रू पुरस्कार फाउंडेशन द्वारा सांता मोनिका, कैलिफ़ोर्निया, संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए) में एक भव्य समारोह के दौरान की गई थी। यह कार्यक्रम विज्ञान और गणित के क्षेत्र में असाधारण योगदान का जश्न मनाने के लिए आयोजित किया गया था। जम्मू (जम्मू और कश्मीर, J&K) में जम्मू विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग के उच्च ऊर्जा भौतिकी समूह को फंडामेंटल फिजिक्स में ब्रेकथ्रू पुरस्कार 2025 से सम्मानित अंतरराष्ट्रीय टीम के हिस्से के रूप में मान्यता दी गई थी। यह मान्यता वैश्विक वैज्ञानिक प्रगति में विश्वविद्यालय की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करती है। 2013 में स्थापित ब्रेकथ्रू पुरस्कार, वैज्ञानिकों को सम्मानित करने और उनका जश्न मनाने का प्रयास करता है। इस वर्ष, जीवन विज्ञान, फंडामेंटल फिजिक्स और गणित के क्षेत्र में 3 मिलियन अमरीकी डालर के छह ब्रेकथ्रू पुरस्कार दिए गए।
6.एडीबी ने वित्त वर्ष 26 में भारत की विकास दर का अनुमान घटाकर 6.7% किया
एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने वित्त वर्ष 2026 (2025-26) के लिए भारत के लिए अपने विकास दर पूर्वानुमान को संशोधित कर 6.7% कर दिया है। एडीबी ने वित्त वर्ष 2026-27 के लिए 6.8% की विकास दर का अनुमान लगाया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी अप्रैल 2025 की मौद्रिक नीति में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा भारत सहित अपने व्यापारिक साझेदारों पर लगाए गए पारस्परिक शुल्कों के परिणामस्वरूप अनिश्चित वैश्विक दृष्टिकोण के कारण 2025-26 में भारतीय अर्थव्यवस्था की अपेक्षित विकास दर को पहले के 6.7% के पूर्वानुमान से घटाकर 6.5% कर दिया है। एडीबी ने एशियाई विकास आउटलुक रिपोर्ट के अप्रैल 2025 संस्करण में भारतीय अर्थव्यवस्था पर अपना नवीनतम पूर्वानुमान जारी किया।
7.एडीबी ने त्रिपुरा औद्योगिक अवसंरचना विकास के लिए 85.4 मिलियन डॉलर का ऋण मंजूर किया
एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने त्रिपुरा के नौ औद्योगिक क्षेत्रों में महत्वपूर्ण औद्योगिक बुनियादी ढांचे के वित्तपोषण के लिए 85.4 मिलियन डॉलर के ऋण को मंजूरी दी है। एशियाई विकास बैंक बोर्ड ने फिलीपींस के मेट्रो मनीला के मंडलुयोंग में एक बैठक में इस ऋण को मंजूरी दी। इस ऋण से विनिर्माण क्षेत्र में राज्य की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा मिलने, क्षेत्रीय और वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में एकीकरण और रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है। ऋण राशि का उपयोग राज्य के नौ औद्योगिक एस्टेट में महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के विकास के लिए किया जाएगा। इससे इन नौ औद्योगिक एस्टेट में परिवहन, बिजली, पानी और स्वच्छता बुनियादी ढांचे के विस्तार को निधि मिलेगी।
8.सीपीसीबी ने अत्यधिक प्रदूषण फैलाने वाले भस्मीकरण उद्योग के लिए नई ‘ब्लू कैटेगरी’ शुरू की
अप्रैल 2025 में, नई दिल्ली (दिल्ली) स्थित केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने मानवजनित (मानव-प्रेरित) गतिविधियों से होने वाले प्रदूषण के प्रबंधन के लिए आवश्यक पर्यावरण सेवाओं (ईईएस) के आधार पर ‘ब्लू कैटेगरी’ उद्योग नामक उद्योगों की नई श्रेणी शुरू की है। इससे पहले, अपशिष्ट-से-ऊर्जा (डब्ल्यूटीई) भस्मीकरण उद्योग जो असंबद्ध नगरपालिका ठोस अपशिष्ट (एमएसडब्ल्यू) को जलाने की प्रक्रिया का उपयोग करते हैं, जिससे गंदी बिजली पैदा होती है, उन्हें सीपीसीबी द्वारा ‘लाल श्रेणी’ के उद्योग के रूप में वर्गीकृत किया गया था। प्रदूषण सूचकांक (पीआई) के अनुसार, ब्लू श्रेणी के उद्योग को सीपीसीबी द्वारा संचालन की सहमति (सीटीओ) यानी प्रदूषण करने की सहमति के लिए अतिरिक्त दो साल की वैधता मिलेगी। सीपीसीबी के अनुसार, नया वर्गीकरण ‘एहतियाती सिद्धांत’ पर आधारित है, जिसका मतलब है कि उद्योगों द्वारा पर्यावरण को प्रदूषित करने की क्षमता। साथ ही, जो उद्योग न्यूनतम खतरनाक अपशिष्ट उत्पन्न करते हैं, उन्हें ‘ब्लू इंडस्ट्री’ श्रेणी में वर्गीकृत किया जाएगा।
9.कोयला मंत्रालय ने मारवाटोला-II और नामचिक पश्चिम कोयला खदानों के लिए CMDPA पर हस्ताक्षर किए
अप्रैल 2025 में, कोयला मंत्रालय (MoC), भारत सरकार (GoI) ने वाणिज्यिक कोयला खनन नीलामी के 11वें दौर के तहत दो कोयला खदानों- मारवाटोला-II और नामचिक पश्चिम के सफल बोलीदाताओं के साथ कोयला खदान विकास और उत्पादन समझौते (CMDPA) पर हस्ताक्षर किए। यह कदम ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ावा देने और कोयला उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने के भारत के चल रहे प्रयासों का हिस्सा है। मध्य प्रदेश (MP) स्थित मारवाटोला-II को रायपुर (छत्तीसगढ़) स्थित सिंघल बिजनेस प्राइवेट लिमिटेड और अरुणाचल प्रदेश (AR) स्थित नामचिक पश्चिम को रायपुर स्थित PRA नूरवी कोल माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया है। दो कोयला खदानों में से एक का पूरी तरह से अन्वेषण किया जा चुका है, जबकि दूसरी का आंशिक रूप से अन्वेषण किया जा चुका है।
10.आईआईटी-मद्रास और जीरोह लैब्स ने एक्सेस को लोकतांत्रिक बनाने के लिए सीपीयू-आधारित एआई प्लेटफॉर्म ‘कॉम्पैक्ट एआई’ लॉन्च किया
अप्रैल 2025 में, चेन्नई (तमिलनाडु) स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (आईआईटी-मद्रास) और कैलिफोर्निया (संयुक्त राज्य अमेरिका, यूएसए) स्थित जीरोह लैब्स ने आईआईटी-एम प्रवर्तक टेक्नोलॉजीज फाउंडेशन के साथ साझेदारी में, ‘कॉम्पैक्ट एआई‘ लॉन्च किया, जो ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट्स (जीपीयू) की आवश्यकता के बिना सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट्स (सीपीयू) पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) मॉडल के विकास और तैनाती को सक्षम करने वाला एक प्लेटफॉर्म है। यह नवाचार भारत के “एआई फॉर ऑल” मिशन के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य सीमित संसाधनों वाले क्षेत्रों को एआई क्षमताएं प्रदान करके डिजिटल डिवाइड को पाटना है। इस सहयोग ने भारत में कंप्यूट एक्सेसिबिलिटी चुनौतियों का समाधान करने के लिए सेंटर ऑफ एआई रिसर्च (CoAIR) की भी स्थापना की। CoAIR सीपीयू-आधारित और एज डिवाइस इंफ़रेंसिंग के लिए व्यावहारिक AI समाधान बनाने पर ध्यान केंद्रित करता है, जिससे स्टार्टअप, माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज (MSME) और सरकारी एजेंसियों को लाभ मिलता है।
11.एशियाई युवा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारत की शौर्या अंबुरे ने अंडर-18 महिलाओं की 100 मीटर बाधा दौड़ में जीता कांस्य पदक
सऊदी अरब के दम्माम में एशियाई युवा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारत की शौर्या अंबुरे ने अंडर-18 महिलाओं की 100 मीटर बाधा दौड़ में कांस्य पदक जीता। 15 वर्षीया शौर्या ने 13.8 सेकंड का समय लेकर पदक हासिल किया। यह पिछले दो दिन में उनका लगातार दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा। वहीं, चीन की बाओ यिनयिन ने 13.71 सेकंड समय के साथ स्वर्ण और ही यिहुई ने 13.76 सेकंड के समय के साथ रजत पदक जीता।
12.विश्व धरोहर दिवस
विश्व धरोहर दिवस को हर साल 18 अप्रैल को मनाया जाता है, जो सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व के स्थलों को संरक्षित करने के महत्व को रेखांकित करता है। इस साल की थीम “आपदा और संघर्ष से जोखिम में धरोहर: भविष्य की तैयारी” है, जिसे आईसीओएमओएस ने घोषित किया है।
13.नोबेल पुरस्कार विजेता पेरू के साहित्यिक आइकन मारियो वर्गास लोसा का निधन
नोबेल पुरस्कार विजेता पेरू के उपन्यासकार और लैटिन अमेरिकी साहित्य में एक प्रमुख व्यक्ति मारियो वर्गास लोसा का 13 अप्रैल 2025 को लीमा, पेरू में 89 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे अपने परिवार के साथ थे। वे एक विपुल लेखक और निबंधकार थे, जो द टाइम ऑफ़ द हीरो (ला स्यूदाद वाई लॉस पेरोस) और द फ़ेस्ट ऑफ़ द गोट जैसे प्रशंसित उपन्यासों के लिए प्रसिद्ध थे। उनके काम ने उन्हें 2010 में साहित्य में नोबेल पुरस्कार सहित कई पुरस्कार दिलाए।
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