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1. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड का पुनर्गठन, पूर्व रॉ चीफ आलोक जोशी बनाए गए अध्यक्ष
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार एक्शन मोड में है। इसी बीच केंद्र सरकार ने आज बुधवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड का पुनर्गठन किया है। पूर्व रॉ प्रमुख आलोक जोशी को इस बोर्ड की कमान सौंपी गई है। आलोक जोशी को देश की सुरक्षा से जुड़े मामलों की गहरी समझ और जानकारी है। उन्होंने 2012 से 2014 तक रॉ के प्रमुख के रूप में कार्य किया था। इसके बाद 2015 से 2018 तक एनटीआरओ के चेयरमैन के रूप में भी सेवा दी। उन्होंने पाकिस्तान और नेपाल में कई महत्वपूर्ण ऑपरेशन्स को अंजाम देने में अहम भूमिका भी निभाई है। इसके अलावा बोर्ड में 7 सदस्यों को शामिल किया गया है, जिसमें तीन सेना से रिटायर अधिकारी, दो रिटायर आईपीएस अधिकारी और एक भारतीय विदेश सेवा से रिटायर अधिकारी हैं। इसमें वेस्टर्न एयर कमान के पूर्व चीफ एयर मार्शल पीएम सिन्हा, सदर्न आर्मी कमान के पूर्व चीफ लेफ्टिनेंट जनरल एके सिंह और रिटायर रियर एडमिरल मॉन्टी सन्ना को सदस्य नियुक्त किया गया है। वहीं, भारतीय पुलिस सेवा से रिटायर राजीव रंजन वर्मा और मनमोहन सिंह को भी इस बोर्ड में शामिल किया गया है। इसके साथ ही विदेश सेवा के पूर्व अधिकारी बी. वेंकटेश वर्मा को भी इसका सदस्य बनाया गया है।
2. सरकार ने आगामी जनगणना में जाति गणना को शामिल करने का किया फैसला
केंद्र सरकार ने आगामी जनगणना में जाति गणना को भी शामिल करने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति ने इस संबंध में फैसला लिया है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 246 के अनुसार, जनगणना संघ का विषय है, जो सातवीं अनुसूची के संघ सूची में 69वें स्थान पर उल्लिखित है। हालांकि कुछ राज्यों ने जातिवार गणना के लिए सर्वेक्षण किए हैं, पर इनमें पारदर्शिता और उद्देश्य अलग-अलग रहे हैं। कुछ सर्वेक्षण पूरी तरह राजनीति के दृष्टिगत किए गए हैं, जिससे समाज में दुविधा उत्पन्न हुई है। इन सभी स्थितियों को ध्यान में रखते हुए तथा सामाजिक ताने-बाने को राजनीतिक दबाव से मुक्त रखना सुनिश्चित करने हेतु अलग-अलग सर्वेक्षणों की बजाय मुख्य जनगणना में ही जातिवार जनगणना कराने का निर्णय लिया गया है। यह सुनिश्चित करेगा कि समाज आर्थिक और सामाजिक रूप से मजबूत रहे और देश की प्रगति बिना किसी अवरोध के जारी रहे। उल्लेखनीय है कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किये जाने पर समाज के किसी वर्ग में तनाव पैदा नहीं हुआ। देश की आज़ादी के बाद से अब तक की सभी जनगणनाओं में जाति को बाहर रखा गया है। वर्ष 2010 में तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय डॉ. मनमोहन सिंह ने लोकसभा को आश्वस्त किया था कि जातिवार जनगणना कराने के मुद्दे पर कैबिनेट में विचार किया जाएगा। इस विषय पर विचार-विमर्श के लिए मंत्रियों का एक समूह भी बनाया गया था। इसके अलावा अधिकांश राजनीतिक दलों ने जातिवार जनगणना की सिफारिश की थी। इसके बावजूद भी पिछली सरकार ने जातिगत जनगणना की बजाय सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना सर्वेक्षण (एसईसीसी) का विकल्प चुना।
3. केंद्र सरकार ने शिलांग से सिलचर तक 166.80 किमी हाई-स्पीड ग्रीनफील्ड कॉरिडोर को दी मंजूरी
केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर भारत की कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए एक अहम फैसला लिया है। पीएम मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCEA) ने शिलांग से सिलचर तक एक नया चार लेन का ग्रीनफील्ड हाई-स्पीड एक्सेस कंट्रोल्ड कॉरिडोर बनाने की मंजूरी दे दी है। यह सड़क परियोजना हाइब्रिड एन्युइटी मोड (Hybrid Annuity Mode) पर विकसित की जाएगी और इसकी कुल लंबाई 166.80 किलोमीटर होगी। इस हाई-स्पीड कॉरिडोर का निर्माण राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 06 (NH-06) पर मावलिंगखुंग (शिलांग के पास, मेघालय) से लेकर पंचग्राम (सिलचर के पास, असम) तक किया जाएगा। इस परियोजना को 22,864 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया जाएगा। इसमें से 144.80 किमी हिस्सा मेघालय में और 22.00 किमी असम में आएगा। यह हाई-स्पीड कॉरिडोर गुवाहाटी से सिलचर के बीच की सेवा गुणवत्ता को बेहतर बनाएगा और त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर और असम के बराक घाटी क्षेत्र की मुख्य भूमि से कनेक्टिविटी को काफी हद तक आसान और तेज करेगा। इससे न केवल यात्रा का समय और दूरी घटेगी, बल्कि लॉजिस्टिक सेवाएं भी अधिक कुशल बनेंगी।
4. सीडब्ल्यूसी ने डेटा साइंस, एआई और मशीन लर्निंग सहित कई आधुनिक तकनीकों को लेकर एक समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-आईआईटी, नई दिल्ली और जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी), ने डेटा साइंस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग सहित कई आधुनिक तकनीकों को लेकर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते का उद्देश्य अत्याधुनिक तकनीकों के अनुप्रयोग के माध्यम से जल संसाधन का प्रबंधन करना है। इस समझौता ज्ञापन के तहत, सीडब्ल्यूसी और आईआईटी द्वारा कई क्षेत्रों में एक दूसरे को सहयोग करने पर सहमति व्यक्त की है। इन क्षेत्रों में जल संसाधन प्रबंधन के लिए हाइड्रो-सूचना विज्ञान उपकरणों और प्रौद्योगिकियों का अनुप्रयोग, नवीनतम प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके बाढ़ प्रबंधन, पर्यावरणीय प्रवाह व्यवस्था का आंकलन, जल गुणवत्ता विश्लेषण और सिंचाई प्रबंधन शामिल हैं।
5. 19 राज्यों के एकलव्य-मॉडल आवासीय-विद्यालयों में स्थापित की जाएँगी 75 अंतरिक्ष प्रयोगशालाएँ
जनजातीय कार्य मंत्रालय और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने 19 राज्यों में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों में 75 अंतरिक्ष प्रयोगशालाएँ स्थापित करने का निर्णय लिया है। प्रत्येक प्रयोगशाला में एलवीएम3 लॉन्च व्हीकल और ईओ सैटेलाइट डेमो मॉडल, स्टार ट्रैकर टेलीस्कोप और कैनसैट वर्किंग मॉडल सहित उन्नत वैज्ञानिक उपकरण होंगे। इस पहल के साथ मंत्रालय आदिवासी युवाओं के लिए अंतरिक्ष विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित के क्षेत्र में नए राह खोलना चाहता है। इस पहल से 50 हजार से अधिक आदिवासी छात्र लाभान्वित होंगे।
6. उधमपुरः उत्तरी सेना-कमान के नए कमांडर-इन-चीफ़ होंगे लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा
लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा ने उधमपुर में उत्तरी सेना कमान के नए कमांडर-इन-चीफ का पदभार संभाल लिया है। श्री शर्मा ने लेफ्टिनेंट जनरल एम. वी. सुचेंद्र कुमार की जगह ली है। लेफ्टिनेंट जनरल सुचेंद्र कुमार 30 वर्ष से अधिक की सेवा के बाद आज सेवानिवृत्त हो गए हैं। लेफ्टिनेंट जनरल शर्मा ऑपरेशन पवन, मेघदूत, रक्षक और पराक्रम जैसे प्रमुख अभियानों का हिस्सा रह चुके हैं। लेफ्टिनेंट जनरल शर्मा ने सैन्य संचालन महानिदेशक, सैन्य सचिव शाखा सहित प्रमुख पदों पर कार्य किया है।
7. अंतरिक्ष और प्रमुख आपदाओं पर अंतरराष्ट्रीय चार्टर का नेतृत्व करेगा इसरो
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान (इसरो) को अगले छह माह के लिए अंतरिक्ष और प्रमुख आपदाओं पर अंतरराष्ट्रीय चार्टर का प्रमुख चुना गया है। इसरो अप्रेल महीने से ही इस भूमिका में है।इसरो की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र (एनआरएससी) में हाल में संपन्न हुए चार्टर की 53वीं बैठक में इसरो को यह दायित्व सौंपा गया। इस बैठक में 22 विदेशी प्रतिनिधियों सहित दुनिया की शीर्ष अंतरिक्ष एजेंसियों के प्रतिभागियों ने भाग लिया। भारत अंतर्राष्ट्रीय चार्टर का हस्ताक्षरकर्ता है, जो 2025 में अपनी 25वीं वर्षगांठ मनाएगा।
8. आरआईएल ने अनंत अंबानी को ईडी नियुक्त किया; 10 लाख करोड़ रुपये की इक्विटी पार करने वाली पहली भारतीय कंपनी बनी
26 अप्रैल 2025 को, मुंबई (महाराष्ट्र) स्थित रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के निदेशक मंडल ने अनंत एम. अंबानी को पांच साल के कार्यकाल के लिए कार्यकारी निदेशक (ईडी) नियुक्त किया, जो 1 मई 2025 से प्रभावी होगा, जो शेयरधारकों की मंजूरी के अधीन है। वर्तमान में, वह आरआईएल में एक गैर-कार्यकारी निदेशक के रूप में कार्य करते हैं और समूह की ऊर्जा और स्थिरता पहलों में सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं, जहां आरआईएल का लक्ष्य 2035 तक शुद्ध-शून्य कार्बन कंपनी बनना है। वह आरआईएल के ऊर्जा उपक्रमों को चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, विशेष रूप से हरित और नवीकरणीय ऊर्जा (आरई) पहलों पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
9. अमेरिकी विशेष 301 रिपोर्ट 2025: भारत को प्राथमिकता निगरानी सूची में बरकरार रखा गया
अमेरिकी वस्तुओं और सेवाओं पर बौद्धिक संपदा (आईपी) अधिकारों की पर्याप्त और प्रभावी सुरक्षा और प्रवर्तन प्रदान करने में विफल रहने के कारण, संयुक्त राज्य अमेरिका ने भारत को 2025 विशेष 301 सूची की प्राथमिकता निगरानी सूची वाले देश के श्रेणी में बरकरार रखा है। भारत सहित संयुक्त राज्य अमेरिका के 26 व्यापारिक साझेदारों की पहचान चिंता के देशों के रूप में की गई थी, जहां अमेरिकी वस्तुओं और सेवाओं के बौद्धिक संपदा अधिकारों की अपर्याप्त सुरक्षा थी। 1974 के व्यापार अधिनियम के तहत संयुक्त राज्य अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय (यूएसटीआर) को दुनिया में अमेरिकी वस्तुओं पर बौद्धिक संपदा अधिकारों के संरक्षण की स्थिति पर संयुक्त राज्य कांग्रेस (संसद) के लिए एक वार्षिक रिपोर्ट तैयार करनी होती है। यूएसटीआर, व्यापार भागीदार देश को प्राथमिकता निगरानी सूची या निगरानी सूची में डालता है। जिन देशों में यूएसटीआर को लगता है कि बौद्धिक संपदा अधिकारों का सबसे गंभीर उल्लंघन हो रहा है, उन्हें प्राथमिकता निगरानी सूची में डाल दिया जाता है। व्यापार अधिनियम 1974 की धारा 301 के तहत यूएसटीआर उन देशों की जांच करता है जिन्हें प्राथमिकता निगरानी सूची और निगरानी सूची में शामिल किया गया है।
10. इसरो और एससीटीआईएमएसटी ने अंतरिक्ष चिकित्सा में प्रगति को बढ़ावा देने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए
अप्रैल 2025 में, बेंगलुरु (कर्नाटक) स्थित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो), अंतरिक्ष विभाग (डीओएस) और तिरुवनंतपुरम (केरल) स्थित श्री चित्रा तिरुनल इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी (एससीटीआईएमएसटी), विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमओएसएंडटी) ने ‘अंतरिक्ष चिकित्सा में सहयोग पर रूपरेखा समझौता ज्ञापन (एमओयू)’ पर हस्ताक्षर किए हैं। एससीटीआईएमएसटी के निदेशक डॉ. संजय बिहारी और इसरो के वैज्ञानिक सचिव एम. गणेश पिल्लई ने तिरुवनंतपुरम में इसरो के अध्यक्ष डॉ. वी नारायणन की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। यह रणनीतिक साझेदारी अंतरिक्ष चिकित्सा की उन्नति में एक प्रमुख मील का पत्थर है और इसके अनुप्रयोग भारत के मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशनों (गगनयान कार्यक्रम) का समर्थन करेंगे और अंतरिक्ष और पृथ्वी दोनों में स्वास्थ्य सेवा में सुधार करेंगे। इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य मानव शारीरिक अनुसंधान, व्यवहारिक स्वास्थ्य अध्ययन, जैव चिकित्सा सहायता प्रणाली, विकिरण जीव विज्ञान और चिकित्सा जैसे क्षेत्रों में नवाचारों और प्रगति को गति देना है। यह सहयोग अंतरिक्ष चिकित्सा में अनुसंधान के अवसरों को भी बढ़ावा देगा और नई प्रौद्योगिकियों को विकसित करने में मदद करेगा जो राष्ट्रीय प्राथमिकताओं को लाभ पहुंचा सकती हैं।
11. फाली एस. नरीमन द्वारा लिखित ‘बियॉन्ड द कोर्टरूम’ का विमोचन
अप्रैल 2025 में दिवंगत फाली सैम नरीमन द्वारा लिखित ‘बियॉन्ड द कोर्टरूम: रिफ्लेक्शन्स ऑन लॉ, कॉन्स्टिट्यूशन, एंड नेशनहुड’ का विमोचन किया गया। यह एस. नरीमन के सबसे प्रभावशाली भाषणों, अभूतपूर्व लेखों और ज्ञानवर्धक व्याख्यानों का एक संग्रह है, जो उनकी कानूनी और संवैधानिक विशेषज्ञता के व्यापक दायरे को दर्शाता है। यह पुस्तक नई दिल्ली (दिल्ली) स्थित हे हाउस पब्लिशर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा प्रकाशित की गई है। पांच खंडों (राष्ट्र, न्यायपालिका, संविधान, कानून और मध्यस्थता) में विभाजित यह पुस्तक युवा वकीलों को सलाह भी देती है और नैतिक प्रश्नों से निपटती है।
12. 2026 के एशियाई खेलों में क्रिकेट रहेगा बरकरार, मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स पहली बार शामिल होने के लिए तैयार
2026 के एशियाई खेलों में क्रिकेट को बरकरार रखा गया है, जबकि मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स पहली बार शामिल होने के लिए तैयार है। एशियाई खेल-2026, जापान के आइची और नागोया प्रान्त में 19 सितंबर से 4 अक्टूबर तक आयोजित किये जाएंगे। एशियाई खेलों में क्रिकेट को चौथी बार शामिल किया जाएगा।
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